कटाक्ष

Heavy on june july officers : काम करने का तरीका बदला पर तेवर ,थाना एरिया की तरह बंटा रेत .. 20 का चंदा बना फंदा,बंट गए राम…

थाना एरिया की तरह बंटा रेत तस्करों का..

अब तक आपने थाना चौकियों का एरिया (सीमा) सुना और देखा होगा। लेकिन, ऊर्जानगर के ऊर्जावान रेत तस्करों ने भी अपना अपना एरिया बनाकर लकीर खींच ली है। एरिया वाइज सिंडिकेट तस्कर दूसरे के एरिया से यानी नदी से रेत उत्खनन नहीं कर सकता। उनके काम करने के तरीके से अजय देवगन के मूवी का संवाद याद आता है ” चौकियां चाहे पुलिस की हो…पर यहां के कमिश्नर तो हम ही है।

वैसे कहा गया है अवैध काम करने वालों के वचन का मोल अनमोल होता है। सो मौखिक रूप से बंटे एरिया के दायरे में रहकर काम करते हुए वे एक दूसरे के एरिया में दखल नहीं देते। हां यह भी है कि सिंडिकेट के किसी गाड़ी ट्रैक्टर पर कार्रवाई होती है तो उसे छुड़ाने गिरोह के सभी सदस्य आपस मे रकम कॉन्ट्रिब्यूट कर जुर्माना भरते हैं।

खबरीलाल की माने तो बरमपुर के रेत तस्करी की जिम्मेदारी पार्षद पुत्र और का… को मिला है और राताखार रेत घाट से रेत निकालने और खपाने का काम दीप..सो.. और उनके साथियों को मिला है। अब अगर सीतामणी रेत घाट की करें तो यहां भी एक से बढ़कर एक तुर्रमखां सिंडिकेट बनाकर रेत से तेल निकाल रहे हैं।

 

काम करने का तरीका बदला पर तेवर वही

 

अब तक जिले में काम करने वाले अधिकारी जो दिखता है वो बिकता है कि तर्ज पर काम करते रहे थे। मतलब ओनली फ़ोटो शूट… सभी ने अपने एजेंडे पर काम किया और इनाम के लिए पूरा अमला को झोंक दिया। ये पहली बार है जब साहब शांत रहकर बेसिक पुलिसिंग को धार दे रहे है। वो तरीका बदले, लेकिन तेवर वही रखे हैं। जिसे देख लोग कहते हैं बादशाह नहीं, टाइगर है इसलिए लोग इज्ज़त से नहीं, उनकी इजाज़त से मिलते हैं..!!

ये बात अलग है फील्ड में कुछ लोगों को उनका काम करने का अंदाज पसंद नहीं आ रहा है। वे निगेटिव छवि उकेरने में लगे हैं, लेकिन साहब का काम देखकर पब्लिक को बड़ा मजा आ रहा है। साहब के जुदा जुदा अंदाज जनमानस में साहब अलग छाप छोड़ रही हैं। तभी लोग कहने लगे है ”  काम करने का तरीका बदला है लेकिन तेवर नही..!

अब बात अगर जिले में लगतार हुई मर्डर मिस्ट्री की करें तो जिस तत्परता से मामले का पर्दाफाश हुआ है वे विभाग के लिए बड़ी कामयाबी है। यही नहीं पांच साल पहले हुए एंकर की मर्डर मिस्ट्री को सुलझाने कप्तान ने पूरी ताकत और टेक्निकल टीम देकर मृतक के परिवार को न्याय देकर बता दिया कि पुलिस किसी की जागीर नहीं बल्कि पब्लिक के साथ खड़ी है।

खबरीलाल की माने तो शहर के कुछ पॉवरफुल लोग भी जांच की आंच में हैं। वैसे तो मर्डर मिस्ट्री से और कई अपराध के तार जुड़ने की आशंका है। पुलिस के पाले में फंसने वालों की छटपटाहट बता रही है दाल में कुछ काला नहीं, बल्कि दाल ही काली है। अनसुलझे मर्डर मिस्ट्री को सुलझाने में लगे पुलिस टीम कह रही है जब तक खोजेंगे नहीं तब तक छोड़ेंगे नहीं !

20 का चंदा बना फंदा

20 की नोट पर आपने कोणार्क मंदिर का चक्र जरूर देखा होगा। लेकिन, इस चक्र को चलते हुए देखना हो तो आपको कोरबा के पंचायत क्षेत्र आना होगा। जी हां हम बात कर रहे है रीपा के “राज ” की! सफल आयोजन के बाद अब पंचायत सचिवों से 20 की डिमांड की जा रही है बाकायदा इसके लिए दो अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है।

सूत्र बताते हैं, कोरबा जनपद में चल रहे नजराना के लिए सचिव संघ के लोगों को जिम्मेदारी दी गई है। कहा तो यह भी जा रहा है सचिव सरपंचों से अपना कमीशन एड कर पंचायत की राशि को चपत लगा रहे हैं। खबरीलाल की माने तो जिले के पूर्व अधिकारी के रहते इस तरह की चंदा का धंधा बंद था। अब नए अधिकारी के आते ही पंचायत प्रतिनिधियो बड़ा झटका लगा है।

वैसे तो पंचायत की रकम नजराना और शुकराना में हजम होती रही है। लेकिन, यह पहली दफा है जब कार्यक्रम के नाम पर जबराना वसूला जा रहा है। सचिवों में हो रही आपसी चर्चा कि माने तो कलेक्शन शुरू हो गया है और जल्द ही पंचायत के एक अधिकारी को नजराना की डिलवरी होने वाली है।

 बंट गए राम

छत्तीसगढ़ में चुनाव से पहले राम नाम के जयकारे लगाए जा रहे हैं। सरकार अंतरराष्ट्रीय रामायण महोत्सव करा रही है। रामायण अयोध्या के राजा मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान के मानस अवतार की कथा है। लेकिन, इस रामायण महोत्सव में राम कथा कम राजनीति ज्यादा देखने को मिली। भाजपा अयोध्या में बन रहे राम मंदिर का श्रैय ले रही है तो कांग्रेस छत्तीसगढ़ कौशल्या माता का मंदिर बना कर भांजा राम का गुणगान कर रही है। श्रैय लेने की होड़ ने आयोध्या के राम और कौशल्या के राम के बीच एक सीमा रेखा खींच दी है। इससे भाजपा के राम और कांग्रेस के भांजा राम को चुनावी मुद्दा बनता दिख रहा है।

रामायण महोत्सव में अयोध्या से मैथिली ठाकुर और कुमार विश्वास का अपने अपने राम का मंचन हुआ। देर रात तक हजारों की भीड़ बैठी रही। साथ ही सोशल मीडिया के माध्यम से उसका लाइव प्रसारण हुआ। अब गौर करें उन बयानों पर जो रामायण महोत्सव के दौरान सियासतदारों द्वारा दिए जा गए हैं। सीएम भूपेश बघेल का कहना है कि बीजेपी सिर्फ चुनाव के समय राम का नाम लेती है। वहीं भाजपा कहती है कि राम का नाम हमारे लिए चुनावी मुद्दा नहीं है।

जो भी हो राजनीति में अब तो राम भी बंट गए हैं। राम तो छत्तीसगढ़ के कण कण में बसे हुए हैं। अब जनता को निर्णय करना है कि वो किस राम के साथ है कांग्रेस के भांजा राम या अयोध्या के राजा राम के साथ…..तब तक राम…राम।

जून जुलाई अफसरों पर भारी

पांच राज्यों में इस साल के आखिर होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग ने साफ कर दिया है कि वो चुनाव तय सीमा में पूरे कराए जाने को तैयार है। इसके लिए इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया ने छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों की सरकार को पत्र लिखकर कह दिया है कि 3 साल से एक ही जगह पोस्टेड अफसरों को हटाएं और ये सब कुछ 31 जुलाई से पहले करना होगा।

यानि जून जुलाई उन अफसरों पर भारी प​ड़ने वाला है जो मलाईदार पदों पर तीन साल से ज्यादा समय से धुनी रमाए बैठे हैं। इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया ने खास कर विशेष तौर पर फील्ड से जुड़े अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग की बात कही है जिसमें कलेक्टर, अपर कलेक्टर, एडीएम, एसडीएम, रिटर्निंग ऑफिसर, असिस्टेंट रिटर्निंग ऑफिसर, तहसीलदार, ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर , आईजी, डीआईजी,एसपी, एडिशन एसपी, डीएसपी, सब इंस्पेक्टर, इंस्पेक्टर के अलावा कई अधिकारी शामिल हैं।

इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया के इस पत्र से मंत्रालय स्तर पर उन अफसरों की लिस्ट तैयार होने लगी है जो इसके दायरे में आते हैं। हालांकि अभी छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव पारिवारिक कार्यक्रम की वजह से अवकाश पर गए हैं। मगर मंत्रालय में इस बात की चर्चा है उनके वापस आते ही बड़े स्तर एक और तबादला सूची कभी भी जारी हो सकती है। मंत्री और विधायकों की अपने अपने पसंद की सूची तैयार है। देखने वाली बात ये होगी इस तबादला सूची की जद में कौन कौन आने वाले हैं।

   ✍️अनिल द्विवेदी , ईश्वर चन्द्रा

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