
Ayodhya Deepotsav: अयोध्या। अयोध्या दीपोत्सव में राम की पैड़ी समेत सरयू नदी के 56 घाटों पर 26 लाख से अधिक दीये प्रज्ज्वलित किए गए। राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के 32 हजार वॉलंटियर रामनगरी को दीपों की रोशनी से रोशन करने के काम में जुटे थे। अयोध्या दीपोत्सव की शुरुआत 2017 में सीएम योगी ने की थी। पहले संस्करण में 1.71 लाख दीप प्रज्ज्वलित हुए थे, इस बार यह संख्या 26 लाख से ज्यादा रही।
#WATCH | Uttar Pradesh: Laser and light show underway at Ram ki Paidi at the banks of River Saryu in Ayodhya. With the Ghat lit up with diyas and colourful lights, #Deepotsav is being celebrated here.
(Source: ANI/UP Govt) pic.twitter.com/IFq2j8NQVd
— ANI (@ANI) October 19, 2025
Ayodhya Deepotsav: इसी के साथ अयोध्या दीपोत्सव में इस बार दो विश्व कीर्तिमान स्थापित हुए। पहला 26,70,215 दीये जलाने का और दूसरा 2128 अर्चकों द्वारा एकसाथ मां सरयू की महाआरती का।गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम इस कीर्तिमान को दर्ज करने के लिए खुद अयोध्या में मौजूद रही। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के लिए प्रमाण पत्र ग्रहण किया।
Ayodhya Deepotsav: पुष्पक विमान से पहुंचे राम, लक्ष्मण, जानकी संग हनुमान
इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अयोध्या पहुंचे. उन्होंने यहां पुष्पक विमान रूपी हेलीकॉप्टर से राम, लक्ष्मण, सीता और हनुमान के स्वरूपों का रामकथा पार्क हेलीपैड पर अगवानी की। यहां राम जानकी की वंदना के साथ भरत मिलाप भी हुआ। सीएम योगी ने रामकथा पार्क के मंच पर श्रीराम का राजतिलक किया।
श्रीराम राज्याभिषेक समारोह के दौरान रामकथा पार्क जय श्रीराम के उद्घोष से गूंज उठा। सीएम योगी ने श्रीराम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और गुरु वशिष्ठ का भी तिलक कर माल्यार्पण किया और आरती उतारी। इसे बाद मुख्यमंत्री योगी ने श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में रामलला के दर्शन किए और दीप प्रज्ज्वलित किया और फिर सरयू की महाआरती में शामिल हुए।
Ayodhya Deepotsav: ये दीपक 500 वर्षों के अंधकार पर विजय के प्रतीक
अयोध्या दीपोत्सव के अवसर पर बोलते हुए यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘ये दीपक केवल दीपक नहीं हैं; ये दीपक 500 वर्षों के अंधकार पर आस्था की विजय के प्रतीक भी हैं। ये दीपक इस बात के प्रतीक हैं कि उन 500 वर्षों में हमें किस प्रकार का अपमान सहना पड़ा और हमारे पूर्वजों को किस प्रकार के संघर्ष करने पड़े। उस समय भगवान श्री राम एक तंबू में विराजमान थे और अब, जब दीपोत्सव का 9वां संस्करण मनाया जा रहा है, भगवान राम अपने भव्य और दिव्य मंदिर में विराजमान हैं।