
वैदिक ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों का विशेष महत्व होता है। ग्रह एक निश्चित अंतराल एक से दूसरी राशि में गोचर करते हैं, ऐसे में समय-समय पर त्रिग्रही और चतुर्ग्रही योग का निर्माण होता है। ज्योतिष में ग्रहों की युति को कुछ मामलों में शुभ तो कुछ मामलों में अच्छा नहीं माना जाता है। आपको बता दें कि जून माह में बुध, सूर्य और गुरु ग्रह के संयोग से एक त्रिग्रही योग का निर्माण होने जा रहा है। वाणी और बुद्धि के कारक ग्रह बुध 6 जून को अपनी स्वराशि मिथुन में प्रवेश करेंगे, वहीं फिर इसके बाद आत्मा के कारक ग्रह सूर्य 15 जून को मिथुन राशि में आ जाएंगे। मिथुन राशि में देवताओं के गुरु बृहस्पति पहले से ही मिथुन राशि में मौजूद हैं। इस तरह से मिथुन राशि में तीन प्रमुख ग्रहों की होने से बना त्रिग्रही योग कुछ राशि वालों के लिए बहुत ही शुभ साबित हो सकता है। इससे अचानक धन लाभ और तरक्की के अच्छे योग बन सकते हैं। आइए जानते हैं कौन-कौन सी हैं भाग्यशाली राशियां।
वृषभ राशि
जून में तीन ग्रहों का मिथुन राशि में युति होने से वृषभ राशि के जातकों के लिए आने वाला समय बहुत ही अनुकूल साबित होगा। यह त्रिग्रही योग आपकी राशि से दूसरे स्थान यानी धन के भाव में बनने जा रहा है। ऐसे में आपको आकस्मिक धन लाभ के योग बनने को मिल सकता है। इस योग के निर्माण से जहां नौकरीपेशा जातकों को नई नौकरी के अवसरों में वृद्धि हो सकती है वहीं व्यापार करने वाले जातकों को अच्छा मुनाफा हासिल होगा। कुछ योजनाओं में आपको अच्छी सफलता मिल सकती है। आय के स्त्रोतों में वृद्धि हो सकती है और भाग्य का अच्छा साथ आपको मिल सकता है।
कन्या राशि
कन्या राशि वालों के लिए त्रिग्रही योग का बनना बहुत ही अच्छा माना जाएगा। यह त्रिग्रही योग आपकी राशि से कर्म भाव यानी दशम भाव में बनेगा। इस तरह से करियर-कारोबार में आपको अच्छी तरक्की मिल सकती है। जो लोग नौकरी की तलाश में हैं उन्हे अच्छी नौकरी मिल सकती है। सुख-सुविधाओं में इजाफा होने के संकेत हैं। हर एक तरह के भौतिक सुख-सुविधाओं में इजाफा देखने को मिल सकता है। व्यापार में इस दौरान कोई नई डील हासिल हो सकती है।
मीन राशि
मीन राशि वालों के लिए मिथुन राशि में बना त्रिग्रही योग बहुत ही शुभ फलदायी साबित होगा। आपकी कुंडली में यह गोचर चौथे भाव में बनने जा रहा है। आपकी सुख-सुविधाओं में अच्छा खासा इजाफा देखने को मिलेगा। आपको कार्यक्षेत्र में कोई नई जिम्मेदारी मिल सकती है, जिससे लाभ के अवसरों में वृद्धि देखने को मिलेगी। मान-सम्मान में इजाफा और पद-प्रतिष्ठा में वृद्धि के योग हैं।