
न्यूज डेस्क। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर निलंबित पुलिस अधिकारी के दावों ने नया विवाद खड़ा कर दिया है. निलंबित पुलिस सब-इंस्पेक्टर रंजीत कासले ने दावा किया कि परली में ईवीएम से छेड़छाड़ की गई थी, जिसके लिए उन्हें हटा दिया गया था और बाद में उनके खाते में 10 लाख रुपये दिए गए थे.
इन आरोपों को चुनाव आयोग (ईसी) ने खारिज किया है. आयोग ने शुक्रवार (18 अप्रैल) को एक्स पर लिखा, ”आरोप एक असंतुष्ट पुलिस अधिकारी (निलंबित) की ओर से लगाया गया है. सख्त कानूनी प्रशासनिक प्रोटोकॉल के तहत ईवीएम को रखा जाता है, ईवीएम को हटाने की कोई संभावना नहीं है. इसकी गंभीरता को देखते हुए डीएम और एसएसपी से लेकर सीईओ तक से रिपोर्ट मांगी गई है. रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी.”
रंजीत कासले चुनाव के दौरान ड्यूटी पर नहीं थे’
चुनाव आयोग ने शनिवार (19 अप्रैल) को कहा, ”डीईओ और एसएसपी बीड की आधिकारिक रिपोर्ट: बर्खास्त पीएसआई रंजीत कासले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान चुनाव ड्यूटी पर नहीं थे. आरोपों का उद्देश्य सार्वजनिक शांति और सौहार्द को भंग करना, लोगों को राज्य के खिलाफ हिंसा के लिए उकसाना है. डीईओ को कासले के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया.”
धनंजय मुंडे पर पूर्व अधिकारी का दावा
कासले ने पूर्व मंत्री और परली से एनसीपी के विधायक धनंजय मुंडे को लेकर भी दावा किया. उन्होंने कहा, ”धनंजय मुंडे ने वाल्मिकी कराड का एनकाउंटर करने की पेशकश की थी.”
रंजीत कासले ने आरोप लगाया कि धनंजय मुंडे ने इस डर से कराड के एनकाउंटर की पेशकश की थी कि वह भी इसमें फंस जाएंगे.
रंजीत कासले ने इससे पहले भी एक वीडियो के जरिए धनंजय मुंडे पर कराड में एनकाउंटर करने के लिए करोड़ों रुपये की पेशकश करने का आरोप लगाया था. इसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया. उनके खिलाफ मामला भी दर्ज किया गया.
एबीपी माझा की रिपोर्ट के मुताबिक, रंजीत कासले ने कहा, ”मैं परली में ईवीएम वाली जगह पर ड्यूटी पर था. वाल्मीक कराड ने हमें बताया कि ईवीएम के साथ छेड़छाड़ की जा रही है, इसलिए आपको इससे दूर रहना चाहिए. मैंने लोकसभा चुनाव के दौरान फर्जी मतदान की अनुमति नहीं दी. विधानसभा के दौरान धनंजय मुंडे की नकदी जब्त कर ली गई. इसीलिए मुझे दरकिनार कर दिया गया. मुझे ऊपर से आदेश मिला कि मैं छुट्टी ले लूं और ईवीएम ड्यूटी से हटा दिया गया.” रंजीत कासले ने बताया कि चुनाव के दिन 21 नवंबर को संत बालूमामा कंस्ट्रक्शन कंपनी के नाम से मेरे खाते में 10 लाख रुपये जमा किए गए.