
CG Crime : कांकेर। जिले में लोन दिलाने के नाम पर 3 करोड़ 72 लाख रुपये की धोखाधड़ी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। कांकेर पुलिस ने इस फर्जीवाड़े के पूरे गिरोह का पर्दाफाश करते हुए छत्तीसगढ़ के विभिन्न स्थानों से 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इस घोटाले में 140 लोग शिकार बने हैं, जिनमें ज्यादातर शासकीय कर्मचारी शामिल हैं। प्रारंभिक जांच में कई बैंकों और फाइनेंस कंपनियों की संदिग्ध भूमिका भी सामने आई है, जिसकी गहन जांच जारी है।
CG Crime : पुलिस के अनुसार रायपुर के डीएम प्लाजा में र्स्पश एडवाइजर्स प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी ने कुछ महीने पहले ऑफिस खोला था। कंपनी ने शासकीय कर्मचारियों को लुभाने के लिए एक आकर्षक स्कीम शुरू की, जिसमें कर्मचारियों के दस्तावेजों के आधार पर लोन दिलाने का वादा किया गया। स्कीम के तहत लोन की 50 प्रतिशत राशि कर्मचारी को दी जाती थी, और शेष 50 प्रतिशत राशि कंपनी को चेक के माध्यम से जमा करानी होती थी। कंपनी ने दावा किया कि लोन की पूरी ईएमआई वह स्वयं चुकाएगी।
CG Crime : उदाहरण के तौर पर, यदि किसी कर्मचारी के नाम पर 50 लाख का लोन लिया गया, तो 25 लाख रुपए कर्मचारी को दिए जाते और 25 लाख कंपनी को चेक के जरिए दिए जाते। शुरुआत में कंपनी ने 8-9 महीने तक ईएमआई का भुगतान किया, जिससे कर्मचारियों का भरोसा जीता। लेकिन बाद में कंपनी ने ईएमआई चुकाना बंद कर दिया, जिसके चलते लोन लेने वाले कर्मचारी अब कर्ज के बोझ तले दब गए हैं।
CG Crime : शेयर मार्केट में लगाई राशि
पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने खुलासा किया कि कर्मचारियों से ली गई 50 प्रतिशत राशि का इस्तेमाल वे शेयर मार्केट में निवेश के लिए करते थे। इस तरह उन्होंने 28 लोगों से कुल 3.72 करोड़ रुपए की ठगी की। चारामा के एक व्यक्ति की शिकायत के आधार पर कोतवाली थाने में दर्ज प्राथमिकी के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया।
CG Crime : पुलिस ने बताया कि इस फर्जीवाड़े में कई बैंक और फाइनेंस कंपनियों के कर्मचारियों की संलिप्तता की आशंका है। लोन स्वीकृति और प्रक्रिया में अनियमितताओं की जांच के लिए पुलिस ने संबंधित बैंकों से दस्तावेज मांगे हैं। यह भी पता लगाया जा रहा है कि क्या बैंकों के कर्मचारियों ने कमीशन के लालच में इस घोटाले को अंजाम देने में मदद की।