सक्ति। कहते है चोर चोरी से जाता है हेरा फेरी से नही। ये बातें पूर्व प्रबंधक संस्था प्रभारी रामचरण साहू पर फिट बैठती है और पुनः सरकारी धन गबन के आरोप में 9 महीनों तक जेल की हवा खाने के बाद फिर से प्रबंधक बनने के लिए जोर आजमाइश कर रहें हैं।
बता दें कि सेवा सहकारी समिति देवरघटा के पूर्व प्रभारी प्रबंधक रामचरण साहू पर वर्ष 2009 में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर 3 लाख 50 हजार केसीसी निकालकर गबन किया गया था। जिसकी शिकायत के बाद हुई जांच पर शिकायत सही पाया गया। यही नही खाद वितरण की राशि में भी अनियमितता पाई गई थी। जांच के बाद फर्जी तरीके से सरकारी राशि गबन करने वाले रामचरण साहू के खिलाफ एफआईआर दर्ज करते हुए जेल भेजा गया था। वे अब फिर से संस्था प्रबंधक देवरघटा में पदस्थ होने का जुगाड़ लगाते हुए जोर आजमाइश कर रहें हैं।
एफआईआर के बाद सेवा से किया गया पृथक
तत्कालीन देवरघटा के संस्था प्रबंधक रामचरण साहू के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद सेवा से पृथक किया गया था। जेल से छूटने के बाद फिर से नौकरी पाने के लिए अपने आकाओं के चक्कर लगा रहे हैं।
63 वर्ष पूर्ण करने के बाद भी नही छूट रहा नौकरी का मोह
शासन के नियमानुसार 62 वर्ष की आयु तक नौकरी करने की पात्रता है। वर्तमान में रामचरण साहू की उम्र आधार कार्ड के अनुसार 63 वर्ष पूर्ण हो चुका है। इसके बाद भी श्री साहू का नौकरी से मोह नही छूट रहा है।