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थानेदार की कुर्सी और टेबल पर पैर! फिर रीलबाज का पुलिसवालों ने बनाया रील, जानें

बिहार । Reel Making Arrest : सोशल मीडिया की सनक जब हदें पार कर जाए, तो कानून भी उसके जवाब में पूरी तैयारी से आता है। बिहार के एक जिले में ऐसा ही वाकया हुआ, जहां एक युवक ने थानेदार की कुर्सी पर बैठकर “रील स्टार” बनने की कोशिश की, और अब खुद सलाखों के पीछे है।

‘क्लिक’ के बदले ‘क्लिक-कारगर’ एक्शन

पुलिस ने जैसे ही वायरल वीडियो की क्लिप देखी, तत्काल एक्शन लिया और तीन युवकों को गिरफ्तार कर लिया। इनमें से एक युवक थाने के अंदर थानाध्यक्ष की कुर्सी पर बैठा नजर आ रहा है, जबकि दो अन्य उसका वीडियो बना रहे थे। इस मामले ने यह साफ कर (Reel Making Arrest)दिया कि सुरक्षा व्यवस्था को हल्के में लेने वालों के लिए अब रील बनाना भी गंभीर अपराध साबित हो सकता है।

 

कहा- “कागज के लिए आया था”, मिला जेल का टिकट

गिरफ्तार युवक ने पूछताछ में बताया कि वह “किसी कागजात के सिलसिले में थाने गया था”, और थानाध्यक्ष की अनुपस्थिति में चोरी-छिपे वीडियो बना लिया। लेकिन कानून इस हरकत को महज मज़ाक मानने को तैयार नहीं (Reel Making Arrest)था। पुलिस ने कार्रवाई के दौरान उसके पास से एक देसी कट्टा, एक कारतूस, स्टील की रॉड, चार मोबाइल और एक बाइक बरामद की है।

सोशल मीडिया पर सनक = जेल की सजा

यह घटना सिर्फ एक वायरल वीडियो की नहीं, बल्कि उस सोच की है जो likes और views के चक्कर में प्रशासनिक गरिमा और कानून व्यवस्था को भी ताक पर रख देती है। ये मामला उन युवाओं के लिए कड़ा संदेश है जो वर्चुअल पहचान के लिए असली ज़िंदगी के नियम तोड़ते (Reel Making Arrest)हैं।

कानून की कुर्सी कोई सेट प्रॉप नहीं

थाने की कुर्सी सिर्फ एक लकड़ी का फर्नीचर नहीं होती — वह एक कानूनी सत्ता और जिम्मेदारी का प्रतीक है। उस पर बैठने के लिए वर्षों की सेवा, प्रशिक्षण और संविधान के प्रति निष्ठा चाहिए — न कि इंस्टाग्राम पर वायरल होने का जुनून।

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