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कोल लेवी प्रकरण में गिरफ्तार डायरेक्टर की कंपनी का कोल धरमजयगढ़ कोल ब्लॉक नीलामी में बेड़ा पार..

रायगढ़। कोल लेवी के मसले पर ईडी की रेड देशभर में चर्चा का विषय रही। लगातार हुई छापामार कार्यवाही में कई नामचीन गिरफ्त में आए। इन्हीं में एक नाम इंद्रमणि मिनरल्स के डायरेक्टर सुनील अग्रवाल का भी सामने आया, जिसे ईडी ने गिरफ्तार भी किया है। हैरत की बात तो ये है कि अब धरमजयगढ़ का बायसी कोल ब्लॉक उसी इंद्रमणि मिनरल्स के झोली में डाल दिया गया है। नीलामी प्रक्रिया में इस कोल ब्लॉक के लिए 52 प्रतिशत रेवेन्यू शेयरिंग की सर्वाधिक बोली लगाकर इंद्रमणि समूह ने कोयला खदान हासिल किया है। इस तरह अब धरमजयगढ़ में औपचारिक रूप से प्राइवेट कंपनी की एंट्री हो चुकी है।

कमर्शियल माइनिंग के विस्तार को दृष्टिगत रखते हुए कोयला मंत्रालय लगातार कोयला खदानों की नीलामी की है। सातवें, आठवें और नौवें राउंड की नीलामी के बाद 13 खदानों को मालिक मिल गए हैं। धरमजयगढ़ के बायसी कोल ब्लॉक पर इंद्रमणि मिनरल्स ने कब्जा जमाया है। ये वही कंपनी है जिसके डायरेक्टर को ईडी ने कोल लेवी मामले में गिरफ्तार किया। अब कोल ब्लॉक नीलामी में मझोले उद्योग और ट्रेडिंग कंपनियां दांव लगा रही हैं।

कोयला मंत्रालय ने 20 दिसंबर 2023 को 32 कोयला खदानों के लिए कमर्शियल कोयला खदान नीलामी का नौवां राउंड शुरू किया था। नीलामी के 19 वीं लॉट में 8 कोल ब्लॉक के लिए 28 कंपनियों ने बोली लगाई है। पांच कोल ब्लॉक के लिए सिंगल बिड गई थी। 14 कोल ब्लॉक के लिए किसी कंपनी ने रुचि नहीं दिखाई। वहीं 17 ब्लॉट में पांच कोल ब्लॉक के लिए भी बिड आमंत्रित थी। इसमें से तीन के लिए है सात कंपनियों की बिड प्राप्त हुई। बाकी दो के लिए कोई बिड नहीं आई। इस तरह 32 कोल ब्लॉक में से 16 के लिए ही एक या एक से अधिक बोलियां प्राप्त हुई। इसमें रायगढ़ के तीन कोल ब्लॉक बायसी, वेस्ट ऑफ बायसी और झारपालम टांगरघाट को रखा गया था। वेस्ट ऑफ बायसी के लिए कोई बिड नहीं आई। झारपालम टांगरघाट के लिए एक ही बिड़ मिली थी, जबकि बायसी के लिए जय अंबे रोडलाइंस प्राइवेट लिमिटेड रायपुर, इंड सिनर्जी लिमिटेड रायगढ़, इंद्रमणि मिनरल्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड रायपुर और नीलकंठ कोल माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड में टक्कर हुई। बताया जा रहा है कि इंड सिनर्जी ने कुछ हद तक बोली लगाई लेकिन इंद्रमणि मिनरल्स सबसे आगे निकल गई। इस कोल ब्लॉक के लिए 52 प्रतिशत रेवेन्यू शेयरिंग की सर्वाधिक बोली लगाकर इंद्रमणि समूह ने कोयला खदान प्राप्त किया।

 

जेल में बंद हैं सुनील अग्रवाल, जमानत तक नहीं हुई

पांच साल पहले तक इंद्रमणि ग्रुप कोल वॉशरी और ट्रेडिंग के बिजनस से जुड़ा था। कंपनी को हाइप तब, मिली जब कोल लेवी के मामले में ईडी ने डायरेक्टर सुनील अग्रवाल को गिरफ्त में लिया। बताया जा रहा है कि कोल लेवी से कमाई गई रकम इंद्रमणि ग्रुप के जरिए कुछ कोल वॉशरीज में इन्वेस्ट की गई। सुनील अग्रवाल को ईडी ने गिरफ्तार कर जेल में डाला है। अभी तक उनकी जमानत नहीं हुई है। नीलकंठ को माइनिंग को भी धरमजयगढ़ का शेरब कोल ब्लॉक मिला है।

 

काफी कम प्रतिशत रेवेन्यू शेयर की बोली लगाई और पाया ब्लॉक

पिछले दो-तीन राउंड नीलामी को देखें तो देश की दिग्गज स्टेट और पावर कंपनियों के नाम गायब दिखेंगे। अडाणी, टाटा, रिलायंस हिंडाल्को आदि ने बिडिंग से खुद को किनारे कर लिया है। इस वजह से मझोले उद्योग और ट्रेडर्स बाजी मार रहे हैं। कंपीटिशन भी कम हो चुका है। इस बार 13 कोल ब्लॉक में से एक महान को तो काफी कम प्रतिशत रेवेन्यू शेयर की बोली लगाकर जेके सीमेंट ने ब्लॉक हासिल किया है।

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