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Korba : चोर की दाढ़ी में तिनका.. राख ट्रांसपोर्टर पर्दा डालने में क्यों जुटे हैं ?

प्रतीकात्मक तस्वीर

कोरबा। चोर की दाढ़ी में तिनका की लोकक्ति की पंच लाइन को जिले के एक ट्रांसपोर्टर आगे बढ़ाते हुए कार्रवाई से बचने के उपाय में जुटे हुए है।

बात सीएसईबी से राख ट्रांसपोर्ट की है। 3 करोड़ का फर्जीवाड़ा करने वाले ट्रांसपोर्टर एनएचआई और बोगस बिल के भुगतान करने वाले पर आरोप लगाते हुए उल्टा चोर कोतवाल को डांट रहे है।

25 सितंबर को लगी आरटीआई 18 अक्टूबर को शिकायत

आरटीआई कार्यकर्ता को जब एनएचआई में लग रहे राखड़ में गड़बड़ी की जानकारी हुई तो उन्होंने 25 सितंबर को एनएचआई में आरटीआई लगाकर जानकारी मांगी। जिसकी जानकारी मिलते ही ट्रांसपोर्टर ने सीधा 18 अक्टूबर को मानिकपुर चौकी में लिखित शिकायत दर्ज कराकर कंपनी की छवि को धूमिल करने का आरोप लगाया। अब यह बात समझ से परे है कि आरटीआई में जानकारी मिलने से पहले शिकायत क्यों की गई? जब सही है तो अड़े रहे और खड़े रहे।

 

बिल में बोगस भुगतान की आशंका पर एसई  एनएचआई दफ्तर पहुंचे

 

खबरीलाल की माने तो नेशनल हाइवे में राख पटाने के बोगस बिल की भनक लगने पर सीएसईबी के अधीक्षण अभियंता शरद चन्द्र पाठक ने खुद एनएचआई दफ्तर जाकर दस्तावेजो की जांच की।दस्तावेज में अंतर होने के बाद सीएसईबी अफसरो के जमीन तले पैर खिसक गई। जिसकी जानकारी सम्बंधित ठेका कंपनी को कार्रवाई से बचने और बचाने की बात कही। सूत्रों की माने तो बोगस राखड बिल को लेकर एनएचआई के अफसर 5 अक्टूबर को सभी विद्युत उत्पादन कम्पनी को पत्र लिखकर क्रॉस चेकिंग करने और फर्जी पाए जाने पर कानूनी कार्रवाई का निर्देश दिया। एनएचआई के निर्देश के बाद राख ट्रांसपोर्ट करने वाले ठेकेदार संगठित होकर मनगढ़ंत कहानी बनाने में लगे रहे। जिससे उनके घोटाले की कहानी फाइलों में दबक़र रह जाये।

 

चौकी में शिकायत के बाद सार्वजनिक सूचना

राख परिवहन में बोगस भुगतान का समाचार सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद समाचार पत्र में सार्वजनिक सूचना देने की आवश्यकता क्यों पड़ गई, यह कंपनी की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है ? जब  कंपनी अनुबंध के आधार पर वास्तव में सही कार्य कर रही है तो शोर मचाकर सफाई देने का क्या अर्थ निकाला जाए..!!

शिकायत सूचना प्रकाशन की समझ रखने वाले लोग जानते हैं कि दाल में कुछ तो काला है जबकि राख के रखवाले तो कह रहे कि दाल में कुछ काला नही पूरी दाल काली है।

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