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VIDEO : भूपेश बघेल के सामने निकाली भड़ास, सम्मेलन में सुरेंद्र वैष्णव ने पूर्व CM पर साधा निशाना, बोले कार्यकर्ता सिर्फ दरी …

राजनांदगांव । प्रत्याशी घोषित होने के बाद सोमवार को पहली बार कार्यकर्ताओं के बीच पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को अपनों से ही विरोध का सामना करना पड़ा। ग्राम खुटेरी में आयोजित ग्रामीण ब्लॉक कांग्रेस के कार्यकर्ता सम्मेलन में जिला पंचायत सदस्य रह चुके सुरेंद्र वैष्णव ने जमकर भड़ास निकाली।

 

वैष्णव ने ना केवल चुनाव में बाहरी को प्रत्याशी बनाए जाने पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई, बल्कि कांग्रेस शासनकाल में कार्यकर्ताओं की उपेक्षा का भी गंभीर आरोप लगाकर सम्मेलन में सन्नाटा ला दिया। इस दौरान वे बार-बार स्वयं को क्षमा कर देने और पार्टी से निष्कासित कर देने की बात भी कहते रहे।

इसके बाद देर शाम सुरेंद्र वैष्णव को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया। जिला कांग्रेस कमेटी ग्रामीण अध्यक्ष भागवत साहू ने कहा कि अनुशासनहीनता के आरोप में निष्कासित किया जा रहा है।

 

 

लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार घोषित होने के बाद रविवार को शहर के दोनों ब्लाक उत्तर व दक्षिण के अलावा ग्रामीण ब्लॉक कांग्रेस कमेटी ने कार्यकर्ता सम्मेलन रखा था। महादेव सट्टा ऐप मामले में बघेल पर एफआईआर के बाद यह कार्यक्रम टाल दिया गया था। इसे सोमवार को किया गया।

 

पहला सम्मेलन खुटेरी में था। संबोधन का दौर चल रहा था। जब सुरेंद्र वैष्णव की बारी आई तो उन्होंने लगभग तीन मिनट के अपने भाषण में कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार और हाईकमान के खिलाफ भड़ास निकाली। उन्होंने बघेल को इंगित करते हुए कहा कि उनके सीएम रहते पांच वर्ष में कार्यकर्ताओं का न तो कोई काम हुआ और न ही किसी को सम्मान मिला।
इस बीच ग्रामीण जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भागवत साहू ने पास जाकर सुरेंद्र को रोकने का प्रयास किया, लेकिन वे नहीं रुके। कहा कि वे कार्यकर्ताओं की पीड़ा बता रहे हैं।

इशारों में कहा- बाहरी प्रत्याशी

सुरेंद्र ने अपनी पीड़ा बयां करते हुए कहा कि सीएम रहते कार्यकर्ता उनके करीब नहीं जा सके। यही कारण है कि विधानसभा चुनाव में 45 हजार से हारे। वैष्णव ने उपेक्षा का आरोप लगाते हुए पूछा कि क्या कार्यकर्ता केवल पंच-सरपंच का चुनाव लड़ने और दरी उठाने के लिए हैं? जिला व जनपद का भी चुनाव होगा।
क्या उसमें भी बाहरी लाएंगे क्या? प्रत्याशी चयन को लेकर स्थानीय नेताओं से किसी से चिंतन नहीं किया। ऊपर वाले ही चिंतन करते रहे।

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