बेंगलुरु के एक परिवार ने 4 लाख रुपये की कीमत वाली 60 ग्राम सोने की चेन गणेश की प्रतिमा को पहनाई. मूर्ति विसर्जन से पहले परिवार यह चेन उतारना भूल गया और ऐसे ही प्रतिमा का विसर्जन कर दिया.
देशभर में गणेशोत्सव का पर्व मनाया जा रहा है. हर्षोल्लास के इस पर्व में बेंगलुरु से एक हैरतअंगेज घटना सामने आई है. यहां के एक दंपती ने गलती से गणेश की मूर्ति के साथ 4 लाख रुपये की सोने की चेन को भी विसर्जित कर दिया. भगवान के साथ सोना भी समंदर में चला गया तो दंपती को टेंशन हो गई. हालांकि, 10 घंटे की खोज और 10,000 लीटर पानी को टैंक से निकालने के बाद चेन मिल गई.
टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, मामला पश्चिम बेंगलुरु में विजयनगर के दशरहल्ली सर्किल का है. यहां के गोविंदराजनगर के पास मचोहल्ली क्रॉस के निवासी रामैया और उमादेवी ने बताया कि उन्होंने गणेशोत्सव के उपलक्ष्य में अपने घर में गणेश की मूर्ति स्थापित की थी. उन्होंने मूर्ति को फूलों और अन्य सजावटी सामान से सजाया था. साथ ही मूर्ति पर 4 लाख रुपये की कीमत वाली 60 ग्राम सोने की लंबी चेन भी रखी थी. शनिवार 7 सितंबर को पूजा के बाद वे मूर्ति को रात करीब 9.15 बजे एक मोबाइल टैंक में विसर्जित करने के लिए ले गए. लेकिन, वे सोने की चेन निकालना भूल गए. रात करीब 10 बजे घर लौटने पर उन्हें याद आया कि सोने की चेन तो मूर्ति के साथ विसर्जित हो गई.
इसके बाद आनन-फानन ये शिक्षक दंपती रात 10.30 बजे मोबाइल टैंक पर वापस पहुंचा. उन्होंने वहां विसर्जन के लिए तैनात किए गए युवकों से सोने की चेन के बारे में पूछताछ की. इस दौरान युवकों ने दंपती को बताया कि उन्होंने मूर्ति पर चेन देखी थी. पर उन्हें लगा कि वो अर्टिफिशियल होगी. इसलिए उन्होंने चेन के साथ मूर्ति को विसर्जित कर दिया.
इस दौरान दंपती ने मगदी रोड पुलिस को सूचित कर दिया और गोविंदराजनगर विधायक प्रिय कृष्णा को घटना के बारे में बताया. उन्होंने विधायक और पुलिस से चेन खोजने में मदद करने का अनुरोध किया. इसके बाद विधायक कृष्णा ने मोबाइल टैंक के कॉन्ट्रैक्टर लंकेश डी से बात की और उसे चेन खोजने और उमादेवी को वापस करने के लिए कहा.
रात में टैंक पर मौजूद लड़कों ने कुछ मिनट तक टैंक में खोज की. इसके बाद उन्होंने दंपती को सुबह आने के लिए कहा. हालांकि, दंपती के परिवार के सदस्यों ने चेन की तलाश करने की अनुमति मांगी और अगली सुबह 5 बजे तक पानी पंप करके खुद ही तलाशी में जुटे रहे. हालांकि, तलाशी के बाद जब उन्हें कुछ हाथ नहीं मिला तो वे घर लौट गए.
इसके बाद सुबह मोबाइल टैंक के कॉन्ट्रैक्टर लंकेश ने चेन की तलाशी के लिए 10 लोगों को बुलाया. उन्होंने बताया, हमने तालाब में लगभग 300 मूर्तियां विसर्जित की थीं और मूर्तियों के विसर्जित होने के बाद तालाब में भारी मात्रा में मिट्टी जमा हो गई थी. सब दलदल जैसा हो गया था. हमारे दो दोस्तों ने रविवार को सुबह 10 बजे से दोपहर 12.30 बजे तक तलाश की और चेन ढूंढ़ ली. बाद में, हमने उमादेवी और रामैया से संपर्क किया और चेन उन्हें लौटा दी. हमने पुलिस और विधायक को भी इस बारे में सूचित किया.’
इस तरह तक़रीबन 10 घंटे की खोजबीन के बाद चेन बरामद की गई. इस खोजबीन में करीब 10,000 लीटर पानी पंप करके निकाला गया. और मिट्टी के दलदल में काफी मशक्क्त के बाद चेन को ढूंढा जा सका. सोशल मीडिया पर इसका वीडियो वायरल है. इसमें साफ दिख रहा है कि सोने की खोज के लिए पूरा टैंकर खाली करा दिया गया. इसके बाद उसमें विसर्जित की गई गणेश की एक मूर्ति कोने में पड़ी दिख रही है.