सतना, 21 अगस्त। Simplicity of IAS : सोशल मीडिया पर इन दिनों एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा है, जिसने लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा है। इस वीडियो में एक व्यक्ति साइकिल से सड़क पर जाता नजर आता है। पहली नजर में यह कोई आम दृश्य लगता है, लेकिन जब पता चलता है कि यह शख्स कोई और नहीं बल्कि सतना के कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस हैं, तो लोगों के लिए यह प्रेरणा का विषय बन जाता है।
डॉ. सतीश कुमार एस की सादगी और जमीन से जुड़ाव की यह मिसाल लोगों के दिलों को छू गई है। वीडियो में वह बिना किसी सरकारी तामझाम या सुरक्षा व्यवस्था के, आम नागरिक की तरह साइकिल चलाकर कलेक्टर कार्यालय पहुंचते दिखते हैं। यह पहला मौका नहीं है जब वह चर्चा में आए हों। उनके प्रशासनिक फैसले, सख्त अनुशासन और जनता के प्रति जवाबदेही की भावना के लिए पहले भी उन्हें काफी सराहना मिली है।
डॉ. सतीश कुमार एस का एक परिचय
जन्मस्थान : वेल्लोर, तमिलनाडु
शिक्षा : एमबीबीएस, मद्रास मेडिकल कॉलेज
आईएएस चयन वर्ष : 2013
वर्तमान पद : कलेक्टर, सतना (नियुक्ति: 28 जनवरी 2025
पूर्व पद : कलेक्टर, भिंड
कलेक्टर रहते हुए भिंड में उन्होंने अपनी अनुशासनप्रिय प्रशासनिक शैली के लिए खासी पहचान बनाई थी। सतना में नियुक्ति के बाद उन्होंने निजी स्कूलों की मनमानी पर कड़ा रुख अपनाया और शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता लाने के लिए कदम उठाए।
जनसेवा का अनोखा मेल
डॉ. सतीश कुमार को साइकिल चलाना बेहद पसंद है। मौका मिलते ही वे खुद साइकिल से दफ्तर पहुंचते हैं। उनके मुताबिक, इससे न सिर्फ स्वास्थ्य ठीक रहता है बल्कि ईंधन की बचत और पर्यावरण संरक्षण में भी मदद मिलती है।
हाल ही में वायरल हुए वीडियो में जब वे बिना किसी तामझाम के साइकिल से ऑफिस पहुंचे, तो सोशल मीडिया पर लोगों ने जमकर उनकी तारीफ की। कई यूजर्स ने लिखा, “ऐसे अधिकारी ही असल में बदलाव लाते हैं।”
कर्तव्य के प्रति सख्ती
सतना में उनकी कार्यशैली का एक उदाहरण तब देखने को मिला जब जनसुनवाई के दौरान लापरवाही बरतने पर उन्होंने एक हेडमास्टर को तत्काल निलंबित कर दिया। यह दर्शाता है कि वे जनता की समस्याओं को गंभीरता से लेते हैं और जिम्मेदारी तय करने में किसी भी स्तर पर ढिलाई नहीं बरतते।
डॉ. सतीश कुमार एस जैसे अधिकारी यह साबित करते हैं कि प्रशासनिक पद केवल अधिकारों का नहीं, जिम्मेदारियों का प्रतीक होता है। उनकी सादगी, अनुशासन और जनहित में लिए गए फैसले उन्हें एक प्रेरणास्रोत बनाते हैं। सतना के लोग खुद को सौभाग्यशाली मान सकते हैं कि उन्हें ऐसा अधिकारी मिला है, जो पद की गरिमा के साथ-साथ मानवीय मूल्यों को भी जीता है।