रायपुर, 22 जुलाई। Ex CM : छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में ED ने एक और बड़ा कदम उठाते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को 18 जुलाई को गिरफ्तार कर लिया। यह गिरफ्तारी धनशोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत की गई। चैतन्य को रायपुर स्थित विशेष न्यायालय (PMLA) में पेश किया गया, जहां से उन्हें 22 जुलाई तक ईडी रिमांड में भेजा गया है।
चार दिन की चुप्पी के बाद ईडी ने 21 जुलाई को इस गिरफ्तारी की आधिकारिक पुष्टि प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से की। ईडी का कहना है कि चैतन्य बघेल पर 16.70 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है, जो कथित शराब घोटाले से अर्जित धन था। जांच एजेंसी के अनुसार, इस रकम को उन्होंने रियल एस्टेट परियोजनाओं में निवेश कर वैध दिखाने की कोशिश की।
भूपेश बघेल का तीखा हमला
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बेटे की गिरफ्तारी को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा: “ED अब भाजपा की एजेंसी बन गई है। यह कार्रवाई पूरी तरह से राजनीतिक द्वेष से प्रेरित है। भाजपा लोकतांत्रिक संस्थानों का खुला दुरुपयोग कर रही है।”
भूपेश बघेल ने यह सवाल भी उठाया कि अगर उनके बेटे की गिरफ्तारी में कोई गंभीरता थी, तो ईडी ने चार दिन तक इस सूचना को सार्वजनिक क्यों नहीं किया?
अब तक की जांच पर एक नजर
छत्तीसगढ़ में कथित शराब घोटाले की जांच में कई राज्य और निगम अधिकारियों, शराब कारोबारी और दलाल पहले ही ईडी की गिरफ्त में आ चुके हैं।
चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी अब तक की सबसे हाई-प्रोफाइल गिरफ्तारी मानी जा रही है।
ईडी का दावा है कि शराब की खरीद-फरोख्त, लाइसेंसिंग और डिस्ट्रीब्यूशन से जुड़ी भ्रष्टाचार की जड़ें शासन के उच्च स्तर तक फैली थीं।
रियल एस्टेट और शेल कंपनियों के जरिए ‘काले धन’ को सफेद करने की जटिल योजना के प्रमाण मिलने का दावा भी एजेंसी कर रही है।
राजनीतिक हलचल तेज
चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी से छत्तीसगढ़ की राजनीति में नया तूफान आ गया है। कांग्रेस ने इसे “राजनीतिक प्रतिशोध” करार दिया है, जबकि भाजपा इसे “कानून के शासन की जीत” बता रही है। आने वाले दिनों में यह मामला और तूल पकड़ सकता है, खासकर जब चैतन्य की रिमांड खत्म होने के बाद आगे की प्रक्रिया शुरू होगी।
छत्तीसगढ़ का यह शराब घोटाला केवल आर्थिक अपराध तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि अब यह राजनीतिक संग्राम में बदल चुका है। चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी से ईडी की कार्रवाई और भाजपा-कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर और तेज हो गया है। जांच एजेंसी की अगली कार्रवाई और कोर्ट की सुनवाई पर सभी की निगाहें टिकी हैं।