
कोरबा ।कोरबा की कुसमुंडा क्षेत्रीय खदानों में एसईसीएल के भीतर “चहेते ठेकेदारों” के दबदबे और नियमों की अनदेखी का एक और सनसनीखेज मामला सामने आया है। वाहन ठेका, खेल मैदान, और अब तीन विभागीय आवासों पर अवैध कब्जे के आरोप में घिरे इस ठेकेदार के खिलाफ लंबे समय से शिकायतें होती आ रही हैं, लेकिन कार्रवाई के नाम पर सब कुछ “मैनेज” नजर आता है।
RTI में गलत सूचना, दस्तावेज में भी गड़बड़ी
जानकारी के मुताबिक, ठेकेदार ने विभागीय आवास पाने के लिए गलत दस्तावेज पेश किए, यहां तक कि आरटीआई के माध्यम से दी गई जानकारी भी झूठी पाई गई। 461, 483 और एक अन्य क्वार्टर में कब्जा कर लिया गया, जिसे एसईसीएल ने “निजी स्कूल शिक्षक” के नाम पर जारी बताकर पल्ला झाड़ लिया। लेकिन सच्चाई यह है कि ठेकेदार खुद इन क्वार्टरों का निजी उपयोग कर रहा है।
अधिकारियों की चुप्पी पर उठ रहे सवाल
इस पूरे मामले में सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि एसईसीएल प्रबंधन की आंखों के सामने यह सब हो रहा है, और कोई सख्त कदम नहीं उठाया गया है। खेल मैदान पर कब्जा हो या कर्मचारियों के लिए बने आवासों पर – ठेकेदार का “प्रभाव” साफ दिखाई दे रहा है।
क्वार्टर में अवैध निर्माण और अतिक्रमण
मांग की गई क्वार्टर में स्वयं कब्जा करने के बाद, ठेकेदार ने उसमें अवैध निर्माण भी करवा लिया है। रिपोर्ट के अनुसार, डीन गैरेज में भी बिना अनुमति निर्माण हुआ, जिसकी सूचना कई बार एसईसीएल को दी गई, परंतु कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
चारपहिया से कारोबार की शुरुआत, दर्जनों गाड़ियों तक पहुँचा व्यापार
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, ठेकेदार ने सालों पहले एक सेकेंड हैंड चारपहिया वाहन से अपने काम की शुरुआत की थी। लेकिन आज उसके पास दर्जनों गाड़ियाँ, कई विभागीय कामकाज और निवास सुविधा तक पहुंच चुकी है। सवाल उठता है – क्या वाकई यह सब नियमों के अंतर्गत हुआ?