Police Commissionerate System : रायपुर में 1 नवंबर से शुरू होगा पुलिस कमिश्नर सिस्टम की तैयारियों में जुटी सरकार…! IG-SSP की जगह अब 7 IPS तैनात
कमेटी गठित, ड्राफ्ट पर काम शुरू

रायपुर, 09 सितंबर। Police Commissionerate System : छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 1 नवंबर (राज्योत्सव) से पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू की जाएगी। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस निर्णय को मंजूरी मिल चुकी है। अब गृह विभाग और पुलिस मुख्यालय ने कमिश्नरेट सिस्टम लागू करने की तैयारियां तेज कर दी हैं।
डीजीपी अरुणदेव गौतम के निर्देश पर सीनियर एडीजी प्रदीप गुप्ता के नेतृत्व में सात वरिष्ठ आईपीएस अफसरों की कमेटी बनाई गई है, जिसमें अजय यादव, अमरेश मिश्रा, ध्रुव गुप्ता, अभिषेक मीणा, संतोष सिंह और प्रभात शामिल हैं। यह कमेटी पुलिस कमिश्नरेट का ड्राफ्ट तैयार कर रही है।
नया एक्ट या मौजूदा कानून?
कमेटी विचार कर रही है कि नया अधिनियम लाया जाए या छत्तीसगढ़ पुलिस एक्ट 2007 के तहत ही कमिश्नर प्रणाली शुरू की जाए। चूंकि विधानसभा सत्र दिसंबर में होगा, इसलिए सरकार राज्यपाल से अध्यादेश जारी कराने का विकल्प भी देख रही है, ताकि 1 नवंबर तक सिस्टम लागू किया जा सके।
CP प्रणाली लागू करने वाला अगला राज्य बना छत्तीसगढ़
रायपुर में बढ़ते अपराधों और शहरी विस्तार को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। महाराष्ट्र, तेलंगाना, यूपी, एमपी, ओडिशा जैसे राज्यों में पहले ही यह प्रणाली प्रभावी है। छत्तीसगढ़, बिहार और पूर्वोत्तर के कुछ राज्यों को छोड़ दें तो लगभग पूरे देश में यह सिस्टम लागू हो चुका है।
पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम में क्या बदलेगा?
- अभी रायपुर में IG और SSP लॉ एंड ऑर्डर संभालते हैं।
- कमिश्नर प्रणाली लागू होने के बाद 7 IPS अधिकारी तैनात होंगे।
- दर्जनभर राज्य पुलिस सेवा के अफसर भी क्राइम कंट्रोल में लगाए जाएंगे।
संभावित सेटअप
- पुलिस कमिश्नर (CP) – संभवतः ADG रैंक
- संयुक्त आयुक्त (Joint CP) – IG रैंक
- अपर आयुक्त (Addl. CP) – DIG रैंक
- डिप्टी कमिश्नर (DCP) – SP/SSP रैंक (4 जोन)
- सहायक आयुक्त (ACP) – DSP/ASP रैंक (थानों के अनुसार)
कमिश्नर को मिलेंगे दंडाधिकारी के अधिकार
धारा 144 लागू करना, लाठीचार्ज का आदेश देना, धरना/प्रदर्शन की अनुमति देना अब पुलिस के अधिकार में होगा। शस्त्र और बार लाइसेंस भी अब कलेक्टर की बजाय पुलिस कमिश्नर जारी करेंगे।
क्यों जरूरी है यह प्रणाली?
तत्काल निर्णय की जरूरत: वर्तमान में पुलिस को हर छोटे-बड़े फैसले के लिए कलेक्टर की अनुमति लेनी होती है। जवाबदेही और अधिकार: कमिश्नर सिस्टम में पुलिस के पास प्रशासनिक शक्तियां होती हैं जिससे वह तत्काल निर्णय ले सकती है। अपराध नियंत्रण में मदद: बड़े शहरों में गंभीर अपराध और भीड़ नियंत्रण में यह सिस्टम अधिक कारगर होता है।
प्रधानमंत्री से उद्घाटन का लक्ष्य
सरकार की कोशिश है कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 1 नवंबर को रायपुर आएं, तो उनके हाथों इस व्यवस्था की शुरुआत हो। रायपुर में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने का उद्देश्य अपराध नियंत्रण, बेहतर प्रशासनिक निर्णय और तेज एक्शन की व्यवस्था सुनिश्चित करना है। इससे पुलिस को न केवल अधिक अधिकार मिलेंगे, बल्कि जवाबदेही भी बढ़ेगी। राज्य सरकार इस ऐतिहासिक बदलाव को समय पर लागू करने के लिए सभी जरूरी कदम उठा रही है।