कोरबा। पुलिस डिपार्टमेंट ने बुधवार को जिले के दवा विक्रेताओं और मेडिकल स्टोर्स संचालकों की अहम बैठक ली। नशे के विरुद्ध अपने अभियान को अगले लेवल पर ले जाते हुए पुलिस द्वारा ड्रगिस्ट, कैमिस्ट और फार्मासिस्ट को जोड़ा गया। इस दौरान उनसे अपील की गई कि नशे के अवैध इस्तेमाल के लिए उन दवाओं की बिक्री बिना डॉक्टरी पर्ची के बिलकुल न हो, जिन्हें प्रतिबंधित श्रेणी में रखा गया है, ताकि समाज में फैले नशे की बुराई को जड़ से समाप्त किया जा सके।
पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा की अगुआई में राज्य में अवैध नशे पर प्रभावी कार्यवाही के लिए अभियान चलाया जा रहा है। अवैध शराब, गांजा या अवैध नशीले पदार्थ के विरुद्ध सख्ती से कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं। इसी कड़ी में पुलिस महानिरीक्षक बिलासपुर अजय यादव व पुलिस अधीक्षक कोरबा जितेंद्र शुक्ला के मार्गदर्शन पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा व नगर पुलिस अधीक्षक कोरबा भूषण एक्का द्वारा यह बैठक ली गई। एसपी कार्यालय के कॉन्फ्रेंस हॉल में आयोजित बैठक में जिले के दवा दुकान संचालक व फ़ार्मासिस्ट से चर्चा की गई। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने दवा दुकान संचालकों से अपील की है कि ऐसी दवाइयां, जो नशे के लिए उपयोग में लाई जाती हैं, उन्हें डाक्टर पर्ची के बिना न बेची जाएं। साथ ही ऐसे लोग, जो इन दवाओं को ज़्यादा ख़रीदते हैं, उनकी जानकारी पुलिस को प्रदान करें। उन के बारे में पता लगाया जा सकेगा और यह सुनिश्चित किया जा सजेगा कि कहीं वे इन दवाओं का ग़लत उपयोग तो नहीं हो रहे हैं।
नार्कोटिक्स श्रेणी की इन दवाओं से महसूस होता है नशा
नार्कोटिक्स श्रेणी की दवाईयां जैसे नाइट्राजेपम, अल्प्राजोलम, क्लोनाजेपम, स्पास्मो प्रॉक्सीवॉन, नाइट्रावेट, एटिज़ोलम, कोरेक्स एवं अन्य इंजेक्शन या सिरप, टेबलेट को खाने से नींद या नशा महसूस होता है। उन दवाइयों का गलत उपयोग ना हो, उसे लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए। फार्मार्सिस्ट और दवाई दुकान संचालकों ने बताया कि सभी प्रकार की दवा बिक्री का रिकॉर्ड उनके पास होता है। साथ ही पुलिस के इस अवैध नशा के खिलाफ मुहिम में पूरा सहयोग प्रदान करने की सहमति दी।