उमरिया: जिला मुख्यालय उमरिया स्थित बालिका अनुसूचित जाति छात्रावास की छात्राएं वार्डन की हरकतों से परेशान होकर कलेक्टर कार्यालय पहुंच गईं। कलेक्ट्रेट कार्यालय में बच्चियों से बात करने के एसडीएम मैडम सामने आईं वह छात्राओं पर मीडिया और कलेक्टर से बात न करने का दबाव बनाने लगीं। इस बात पर बवाल हो गया।
छात्राओं के परिजनों ने एसडीएम पर अभद्रता करने के आरोप लगाए हैं। छात्रावास के वार्डन के मनमाने रवैये की शिकायत करने के लिए छात्राएं कलेक्ट्रेट पहुंची थी। छात्रावास में रह कर अध्ययन कर रहीं छात्राओं के अभिभावकों ने वार्डन पर गुणवत्ताहीन भोजन देने के आरोप के साथ-साथ छात्राओं से दुर्व्यवहार के आरोप भी लगाए।
एसडीएम ने डांटकर भेजा वापस
एक छात्रा के पिता संतोष चौधरी निवासी ग्राम खरहाडांड़ ने बताया कि मेरी बेटी 12वीं क्लास में है और एक्सीलेंस में पढ़ती है। मेरी बच्ची के द्वारा बताया गया है कि यहां पेट भर खाना नहीं दिया जाता है। जब उनकी तबियत खराब होती है।तो वहां की अधीक्षक रीना सिंह कहती हैं कि इनको मर जाने दो, कहीं दवाई करने नहीं ले जाना है। मैं जब उनकी शिकायत को सुना और जब उनको लेकर कलेक्ट्रेट आया तो मेरे को एसडीएम मैम ने उल्टा-सीधा बोला। उन्होंने कहा कि मैं बच्चों के साथ आया हूं, कलेक्टर साहब से मुलाकात करवाने के लिए, कलेक्टर साहब से बात नहीं हुई।
हॉस्टल की वार्डन क्या बोलीं?
वहीं जब हॉस्टल की वार्डन रीना सिंह बच्चियों को लेकर जाने लगीं तो उनसे बात करने का प्रयास किया गया। उन्होंने कहा कि मेरा नाम रीना सिंह है। मैं हॉस्टल की वार्डन हूं। एसडीएम मैम बोलीं बच्चियों को ले जाओ तो मैम का सुनूं या आप लोगों को। इतना कह कर सारी बच्चियों को आंख दिखा कर ले गई।