0 डिप्टी कलेक्टर के पद पर वापसी के लिए निशा बांगरे ने लिखा पत्र
भोपाल। देश में एैसे बहुत से उदाहरण है जो सरकारी नौकरी छोड़कर राजनेता बने है। आईएएस-आईपीएस अफसरों ने नौकरी छोड़कर चुनाव लड़े राजनेता बने । मध्यप्रदेश -छत्तीसगढ़ की राजनीति में कई अधिकारी सफल राजनेता बने है। उन्हीं से प्रेरणा लेकर राजनीति में कदम रखने के लिए डिप्टी कलेक्टर के पद से इस्तीफा देने वाली निशा बांगरे को टिकट नहीं मिला तो अब नौकरी में वापसी चाहती है। 2023 में विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस की टिकट से चुनाव लड़ने निशा बांगरे ने नौकरी से इस्तीफा दिया था । निशा बांगरे ने जनवरी में ही सामान्य प्रशासन विभाग को नौकरी वापस देने के लिए पत्र लिखा है, लेकिन ये आवेदन अभी तक सरकार के पास पेंडिंग है।
चुनाव लड़ने के लिए दिया था इस्तीफा
निशा बांगरे ने कांग्रेस पार्टी से चुनाव लड़ने के लिए 23 जून, 2023 को इस्तीफा दे दिया था। इस इस्तीफे को स्वीकार करने के लिए उन्होंने राज्य सरकार से लड़ाई लड़ी थी। कांग्रेस ने उनके चुनाव लड़ने के सपने को तोड़ दिया है और जिस सीट से निशा चुनाव लड़ना चाहती थी उस पर किसी और को उम्मीदवार बना दिया गया था।
वादे से मुकर गई कांग्रेस
निशा बांगरे ने कहा कि, ‘कांग्रेस ने मुझे लोकसभा टिकट देने का वादा किया था, लेकिन पार्टी अपने वादे से मुकर गई।’ यह पूछे जाने पर कि क्या ऑफर मिलने पर वह बीजेपी में शामिल होंगी, उन्होंने कहा, ‘मुझे बीजेपी से कोई ऑफर नहीं मिला है। मैंने जनवरी में ही सामान्य प्रशासन विभाग को मुझे सेवा में वापस लाने के लिए लिखा था। मुझे वापस लेने का मेरा आवेदन सरकार के पास पेंडिंग है।’
निशा बांगरे पिछले साल नवंबर में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के टिकट पर आमला सीट से चुनाव लड़ना चाहती थीं। हालांकि, जब तक सरकार ने उनका इस्तीफा स्वीकार किया, कांग्रेस ने इस सीट से एक और उम्मीदवार की घोषणा कर दी थी।
निशा बांगरे ने आगे कहा कि, ‘मेरा परिवार चाहता है कि मैं सेवा में वापस आ जाऊं। मप्र सेवा नियम में इसका प्रावधान है। ऐसे भी उदाहरण हैं जहां सरकारी कर्मचारियों ने इस्तीफा दे दिया, चुनाव लड़ा और चुनाव हारने के बाद सेवा में वापस आ गए।’ छतरपुर जिले के लवकुश नगर की एसडीएम रही बांगरे ने विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए 23 जून, 2023 को इस्तीफा दे दिया था, लेकिन जीएडी ने उनका इस्तीफा स्वीकार करने से इनकार कर दिया था।
BJP के मीडिया प्रभारी ने कसा तंज
उधर, कांग्रेस नेत्री निशा बांगरे के प्रशासनिक जगत में वापस आने की गुहार पर बीजेपी ने तंज कसा है. बीजेपी के प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने X पर लिखा है, ”लालच बुरी बला है और वही बुरी बला निशा बागरे को ले डूबी. चुनाव के ठीक 2 महीने पहले कमलनाथ के झांसे में आकर SDM की नौकरी से त्याग-पत्र दिया.
BJP नेता ने आगे लिखा, इस्तीफा मंजूर करने की कागजी कार्रवाई जब तक खत्म हुई तब तक नामांकन की तारीख निकल गयी. कमलनाथ ने फिर झांसा दिया कि सरकार बनने दो बड़ी जिम्मेदारी मिलेगी. अब ना विधायक बन सकीं और ना तहसीलदार रहीं. कांग्रेस ने निशा के सपनों का कर दिया ‘मोए-मोए’.”