छत्तीसगढ़

Respect to the Martyr : छत्तीसगढ़ सरकार का शहीद सैनिकों को सम्मान…! अनुग्रह राशि बढ़ाकर 50 लाख…रमवीर चक्र विजेताओं को मिलेगा 1 करोड़ रुपये

सैनिकों के लिए छत्तीसगढ़ सरकार का बड़ा ऐलान

रायपुर, 15 सितंबर। Respect to the Martyr : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में आयोजित राज्य सैनिक बोर्ड की 6वीं बैठक में सैनिकों और उनके परिजनों के कल्याण के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। सबसे बड़ा फैसला युद्ध अथवा सैनिक कार्यवाही में शहीद होने वाले सैनिकों के परिवारों को दी जाने वाली अनुग्रह राशि को 20 लाख से बढ़ाकर 50 लाख रुपये करने का है।

बैठक में लिए गए प्रमुख निर्णय

1. शहीदों की पत्नी या आश्रितों को

  • अनुग्रह राशि: ₹20 लाख, अब ₹50 लाख

2. वीरता अलंकरण प्राप्त सैनिकों को

  • परमवीर चक्र विजेताओं को: ₹40 लाख, अब ₹1 करोड़

  • अन्य अलंकरण धारकों की राशि में भी वृद्धि

3. सैनिकों के माता-पिता को

  • जंगी इनाम राशि: ₹5,000/वर्ष, अब ₹20,000/वर्ष

4. युद्ध में दिव्यांग हुए सैनिकों के लिए

  • अनुदान राशि: ₹10 लाख,  अब ₹30 लाख

5. भूमि/गृह क्रय पर छूट:

  • सेवारत सैनिकों, भूतपूर्व सैनिकों एवं विधवाओं को
    25 लाख रुपये तक के स्टाम्प शुल्क में छूट

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा, हमारे सैनिक देश की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करते हैं। उनका सम्मान और उनके परिवारों का कल्याण हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। ये निर्णय केवल नीतिगत बदलाव नहीं, बल्कि सच्ची श्रद्धांजलि हैं उनके बलिदान को।

बैठक में ये लोग रहे उपस्थित

उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, सांसद बृजमोहन अग्रवाल, जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल पदम सिंह शेखावत, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, राज्य सैनिक समिति के सचिव ब्रिगेडियर विवेक शर्मा (से.नि), केंद्रीय सैनिक बोर्ड के सचिव ब्रिगेडियर डी.एस. बसेरा अन्य वरिष्ठ अधिकारी और पूर्व सैनिक प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

उद्देश्य

भूतपूर्व सैनिकों, विधवाओं, और आश्रितों के जीवन को सुरक्षित, सम्मानजनक और सशक्त बनाना। सैनिकों के बलिदान का उचित सम्मान और उनके परिजनों को आर्थिक स्थायित्व देना। प्रदेश में सैनिक कल्याण योजनाओं को और मजबूत करना।

यह फैसला छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से वीर सैनिकों के प्रति कृतज्ञता का प्रतीक है। इससे जहां शहीद परिवारों को आर्थिक संबल मिलेगा, वहीं सेवारत और भूतपूर्व सैनिकों का मनोबल भी बढ़ेगा। यह निर्णय राज्य को राष्ट्रभक्ति और जिम्मेदारी की मिसाल के रूप में प्रस्तुत करता है।

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