
ऋषिकेश। तीर्थनगरी के नाम से मशहूर ऋषिकेश अब रेव पार्टियों और अय्याशी के अड्डों के लिए भी बदनाम हो रहा है। गंगा किनारे और वन क्षेत्रों से लगे अधिकांश रिसॉर्ट्स रसूखदारों के लिए गुप्त ठिकाने बने हुए हैं। शराब, डांस और गैरकानूनी गतिविधियों से इन रिसॉर्ट्स का माहौल बिगड़ता जा रहा है, लेकिन पुलिस कार्रवाई के नाम पर केवल खानापूर्ति कर रही है।
बीते मंगलवार को गंगा भोगपुर स्थित इवाना रिसॉर्ट में रेव पार्टी का भंडाफोड़ हुआ। पुलिस ने मौके से 28 पुरुष और 9 महिलाओं को पकड़ा। महिलाओं में ज्यादातर आर्केस्ट्रा ग्रुप से जुड़ी थीं। चौंकाने वाली बात यह रही कि इस पार्टी में 30 साल के युवाओं के साथ 60 से 73 साल तक के बुजुर्ग भी शामिल थे।
पुलिस की हल्की कार्रवाई पर उठे सवाल
रेव पार्टी के खुलासे के बाद उम्मीद थी कि पुलिस सख्ती से कार्रवाई करेगी। लेकिन सभी आरोपितों पर केवल पुलिस एक्ट के तहत मामूली कार्रवाई कर पांच-पांच सौ रुपये का जुर्माना लगाकर छोड़ दिया गया। इस ढीली कार्रवाई पर स्थानीय लोगों ने कड़ा एतराज जताया है। उनका कहना है कि अगर यही रवैया जारी रहा तो ऐसी अवैध पार्टियों पर कभी रोक नहीं लग पाएगी।
धार्मिक आस्था को धूमिल कर रहे रिसॉर्ट्स
ऋषिकेश हमेशा से आध्यात्म और धार्मिक आस्था का केंद्र रहा है। पिछले डेढ़ दशक में यह पर्यटन स्थल के रूप में भी उभरा है। लेकिन अब गंगा किनारे बने रिसॉर्ट्स में रेव पार्टियां होने लगी हैं। प्रशासन के आदेश के बावजूद मानसून सीजन में बंद रहने वाले कैंप और रिसॉर्ट्स अवैध रूप से चल रहे हैं।
स्थानीय लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब पुलिस और प्रशासन सब जानते हुए भी केवल जुर्माना लगाकर छोड़ देता है, तो इस तीर्थनगरी की पवित्र छवि लगातार धूमिल होती रहेगी।