कोयले से लदी साइकिल खींचने लगे राहुल गांधी.. रामगढ़ में ऐसी रही भारत जोड़ो न्याय यात्रा….
न्यूज डेस्क। झारखंड में राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा से दो फरवरी को पाकुड़ से शुरू हुई. तीन फरवरी को वे बाबाधाम देवघर के बाबा बैद्यनाथ धाम मंदिर पहुंचे. 4 फरवरी को राहुल की यात्रा धनबाद और बोकारो में हुई. फिर राहुल गांधी 4 फरवरी की शाम को रामगढ़ निकल गए और वहीं रात्रि विश्राम किया. 5 फरवरी को राहुल गांधी की यात्रा फिर रामगढ़ से शुरू हुई.
रामगढ़ में राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा
आज (4 फरवरी को) झारखंड में राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा का चौथा दिन है. राहुल गांधी रविवार रात रामगढ़ के सिद्धू-कान्हू मैदान में रुके थे. सोमवार सुबह महात्मा गांधी चौक से फिर उनकी यात्रा शुरू हुई. सोमवार की सुबह 8:00 बजे के करीब राहुल गांधी अपने काफिले के साथ रामगढ़ के गांधी चौक पहुंचे. यहां बाजे गाजे के साथ भारी संख्या में कांग्रेसी कार्यकर्ता और आम लोग राहुल गांधी के इंतजार में खड़े थे.
गांधी चौक पर राहुल गांधी के इंतजार में स्कूली बच्चे भी कतार बना कर खड़े थे. वे राहुल के स्वागत के लिए उनका इंतजार कर रहे थे.
यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने स्कूली बच्चों को अपनी जीप पर बैठाया और उनके साथ तस्वीरें खिंचवाई. वहां से उनका काफिला सुभाष चौक की ओर बढ़ा रास्ते में अनेक जगहों पर लोगों की बड़ी भीड़ राहुल गांधी को देखने के लिए खड़ी थी.
सुभाष चौक पर थोड़ी देर के लिए राहुल गांधी का काफिला रुका. उन्होंने वहां पर खड़े होकर लोगों का अभिवादन किया. सुभाष चौक पर राहुल गांधी से हाथ मिलाने की लोगों में होड़ मची हुई थी. भारी संख्या में कार्यकर्ताओं ने उनके समर्थन में नारे लगाए. थोड़ी देर रुकने के बाद राहुल गांधी का काफिला रांची की ओर निकल गया.
चुट्टूपालू घाटी के शहीद स्थल पर राहुल गांधी
रामगढ़ से रांची जाने के दौरान राहुल गांधी की भारत जोड़ो नया यात्रा चुट्टूपालू घाटी के शहीद स्थल पर रुकी. यहां राहुल गांधी ने शहीद टिकैट उमराव सिंह व शाहिद शेख भिखारी को श्रद्धांजलि अर्पित किया. उन्होंने दोनों शहीदों के चित्र पर माल्यार्पण किया और हाथ जोड़कर उन्हें नमन किया.
कोयला ढोने वालों से बातचीत करते राहुल गांधी
रांची जाने के दौरान चुट्टूपालू घाटी में राहुल गांधी ने लोगों को साइकिल पर कोयला ले जाते देखा. उन्होंने अपने वाहन समेत पूरे काफिला को वहां रुकवाया और उन लोगों से बातें कीं. राहुल गांधी ने काफी देर तक कोयला ढोने वालों से बातचीत कीं.
कोयला लदे साइकिल खींचते राहुल गांधी
साथ ही राहुल गांधी ने कुछ दूर तक कोयला लदे साइकिल को भी खींचा. राहुल गांधी ने कहा कि साइकिल पर 200-200 किलो कोयला लेकर रोज 30-40 किलोमीटर चलने वाले इन युवाओं की आय नाम मात्र की है. बिना इनके साथ चले, बिना इनके भार को महसूस किए, इनकी समस्याओं को नहीं समझा जा सकता. इन युवा श्रमिकों की जीवनगाड़ी धीमी पड़ी, तो भारत निर्माण का पहिया भी थम जाएगा.