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PM Modi Rashtriya Ekta Diwas: स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर पीएम मोदी ने अर्पित की पुष्पांजलि, परेड की ली सलामी

केवड़िया(गुजरात)। PM Modi Rashtriya Ekta Diwas:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस साल दिवाली और राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर गुजरात के एकता नगर पहुंचे हैं। पीएम मोदी ने गुरुवार 31 अक्टूबर को गुजरात के केवड़िया में सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर राष्ट्रीय एकता दिवस समारोह में शामिल हुए।

मोदी ने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के सामने सरदार पटेल को पुष्पांजलि अर्पित की। पीएम मोदी ने देश के 16 राज्यों की पुलिस और सशस्त्र बलों की एकता दिवस परेड की सलामी ली। और प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर एकता दिवस की शपथ दिलाई।

एकता दिवस परेड में विभिन्न राज्यों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की टुकड़ियां शामिल हुईं। इसमें 9 राज्यों और एक केंद्रशासित प्रदेश की पुलिस, 4 केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल, एनसीसी और एक मार्चिंग बैंड ने भाग लिया।

परेड में NSG का हेल मार्च, BSF और CRPF के महिला-पुरुष बाइकरों का डैयरडेविल शो और भारतीय मार्शल आर्ट का प्रदर्शन किया गया। स्कूली बच्चों ने पाइप बैंड शो किया।

कार्यक्रम में भारतीय वायुसेना के ‘सूर्य किरण’ फ्लाईपास्ट ने आसमान में अपने प्रदर्शन से सबका ध्यान खींचा। वायुसेना के विमानों ने आसामानी करतब दिखाए। वायुसेना के फाइटर जेट्स ने आसामान में गोते खाते हुए राष्ट्रीय एकता को बनाए रखने का मैसेज दिया। इस फ्लाइपास्ट में इंडियन एयरफोर्स और नेवी के फाइटर जेट्स शामिल हुए।

केवड़िया में 280 करोड़ की परियोजनाओं का उद्घाटन

पीएम मोदी ने इस मौके पर एकता नगर में कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया। उन्होंने लगभग 280 करोड़ रुपये की योजनाओं का लोकार्पण किया। ये योजनाएं पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ स्थानीय समुदाय के लिए लाभकारी साबित होंगी। एकता नगर में दी जा रही इन सुविधाओं से क्षेत्र की छवि और सशक्त होगी। इन परियोजनाओं में पर्यटकों के लिए नई सुविधाएं और आकर्षण शामिल हैं, जो स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाएंगे।

 

दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है स्टैच्यू ऑफ यूनिटी

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा के रूप में जाना जाता है। सरदार पटेल की इस प्रतिमा की ऊंचाई 182 मीटर है। इसका निर्माण 2013 में शुरू हुआ और 2018 में पूरा हुआ। प्रधानमंत्री मोदी ने बतौर मुख्यमंत्री इसका ऐलान किया था। इस प्रतिमा का निर्माण सरदार पटेल की 143वीं जयंती के मौके पर किया गया था। इसे बनाने में पूरे देश के किसानों ने अपना योगदान दिया, जिससे इसमें 109 टन लोहा शामिल किया गया है।

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