कटाक्ष

Parul Mathur’s big innings: आप का क्या होगा,इनसे पूछिये कुर्सी का प्रेम..रेत से तेल का खेल ,अब कलेक्टरों की बारी…

आप का क्या होगा..

पुलिस महकमा के त्रिमूर्तियों की चर्चा बड़े साहब के स्थांतरण के बाद पब्लिक में शुरू हो गई है। आम जन अपनी तो जैसे तैसे कट जाएगी आपका क्या होगा…! का गाना गुनगुना रहे है। फ़िल्म रानी रूपमति में पंडित भरत ब्यास ने एक बहुत खूब गीत लिखा था.. आ लौट के आजा मेरे मीत तुझे मेरे गीत बुलाते हैं। यहां इस गीत का जिक्र इसलिए जरूरी है कि जब कोई आला अफसर किसी नए जगह में जाता है तब अपने चहेतों को भी बुला लेता है, ताकि उसकी काबिलियत का सिक्का भी वहां जमा रहे।

इसी अंदाज में साहब के ऊर्जानगरी आते ही सिंघम टाइप के कुछ मीत को बुला लिया था, जिन्हें त्रिमूर्ति के नाम से भी शहर वाले जानने लगे थे। शहर में ये तीनों अपने सिक्का जमा पाते इससे पहले ही साहब का तबादला हो गया। अब हालिया स्थिति त्रिमूर्तियों की हालत ऐसी हो गई कि ”न ख़ुदा ही मिला न विसाल-ए-सनम न इधर के हुए न उधर के हुए हम”। यानि साहब तो चले गए अब कुछ नया करना होगा। अब चर्चा इस बात की है कि त्रिमूर्ति नए कप्तान के साथ सामजंस्य बना पता है या नहीं इसे समझने के लिए पब्लिक को वेट एन वॉच करना होगा।

वैसे खाकी के जानकारों की माने तो एक सिंघम टाइप के थानेदार साहब के साथ जा सकते हैं जबकि, दो खिलाड़ी ऊर्जानगरी में रहकर तेल और तेल की धार देखेंगे। ठीक भी है अभी तो पिच में उतरे ही थे और बारिश ने मैच का मजा किरकिरा कर दिया। सो थाने के मैदान जैसे भी मैच में बने तो रहना ही पड़ेगा। तभी तो मौका में चौका और छक्का लगा पाएंगे।

रेत से तेल का खेल.. खनिज एक्सपर्ट करेंगे फेल…!

शहर में सफेद सोने के काले धंधेबाज खनिज कारोबारी और माइनिंग के अधिकारी तो रेत से तेल अवैध उत्खनन और परिवहन कर निकाल ही रहे है, अब घाट से बिक चुके रेत की रायल्टी पर्ची से तेल निकालने का खेल खेला जा रहा है। दरअसल सीतामणी रेत घाट के भंडारण के रेत को बिना पर्ची के ठेकेदार ने बेच दिया। अब रायल्टी पर्ची बेचने की स्कीम बनाई जा रही है।

मतलब जो मौके से खत्म हो चुका है उसे माइनिंग मासिक पत्रक में दर्शाकर कागज को बेचने के लिए रायल्टी बुक जारी करवा जा रहा है। मजे वाली बात यह है रायल्टी पर्ची को खरीदने के लिए एक सड़क बनाने वाली कंपनी तैयार भी हो गई है। जब कागज को खरीदने को खरीददार तैयार है तो बेचने वाला का क्या वो तो कुछ भी बेच सकता है।

हालांकि इसकी भनक लगते ही शहर के खनिज एक्सपर्ट ने रेत ठेकेदार और खनिज अधिकारी के खेल को फेल करने बिसात बिछाना शुरू कर दिया है,लेकिन जिस कदर खनिज संपदा को लूटने का मास्टर प्लान बनाया जा रहा है वो सरकार के राजस्व के लिए घातक साबित हो रहा है।

वैसे भी शहर के बीच भीड़ भरी सड़क से हर समय अवैध रेत का परिवहन किया जा रहा है जो शहर की पब्लिक को तो दिखता है पर नहीं दिखता तो नोट की चमक से चमके जवाबदार अधिकारियों को…!

निगम के अधिकारियों से पूछे क्या होता है प्रेम…!

प्रेम क्या होता है ? क्यों होता है प्रेम ? कैसे होता है प्रेम? प्रेम की परिभाषा क्या है ? क्या होता है प्रेम होने के बाद ? क्यों लोग प्रेम करते हैं ? ये सभी बड़े ही यक्ष प्रश्न हैं। और इसका उत्तर जानने के लिए आपके पास निगम के अधिकारियों जैसा धैर्य होना चाहिए। ठुकराये जाने के बाद भी निगम के कुछ अधिकारियों का प्रेम कुर्सी से इस कदर जुड़ गया है जैसे ये कुर्सी का नहीं 7 फेरों का जोड़ है। तभी तो साहब के स्थानांतरण के बाद भी प्रेम के चलते कुर्सी से चिपककर पब्लिक के पैसे को तिजोरी में चिपका रहे है।

बात नगर निगम के ट्रांसफर हुए अधिकारियों की है जो ऊंची पहुंच और जुगाड़ से स्थांतरण के बाद भी कुर्सी से चिपके हैं। कहा तो यह भी जा रहा है कि एक अधिकारी की कुर्सी करोड़ों की है, तो छोड़े कैसे…!

कहते हैं किसी को किसी से प्रेम जो जाये तो उससे छुटकारा मिलना मुश्किल है सो इनको भी यहां की कुर्सी प्रेम हो चुका है और हो भी क्यों न !! भाई मामला मलाई का है तो फिर बस जनाब कुर्सी से लगे रहने की जुगत में जुड़ गए हैं। कुछ तो सफल हो चुके और कुछ सफलता पाने की आस में प्रयास जारी रखे हैं।

अब कलेक्टरों की बारी

चुनाव से पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल प्रशासन तंत्र को कसने की शुरुआत कर चुके हैं। भेंट मुलाकात में सभी अफसरों की फीड बैक सीएम सचिवालय में तैयार हो चुकी है। अब रेव्न्यू कोर्ट में राजस्व प्रकरणों में लेट लतीफी ने सीएम का गुस्सा बढ़ा दिया है। सीएम इस बात पर नाराज हैं कि सभी जिलों के लिए सचिव नियुक्त कर दिया, कलेक्टरों को ताकीद भी दी मगर वो सुधरते नहीं दिख रहे हैं।

यानि तबादलों की अगली सूची जल्द ही जारी होने वाली है। जिन जिलों में कमजोर परफारमेंस की शिकायत मिली थी वहां जल्द ही प्रशासनि​क सर्जरी होने वाली है। इसके लिए बाकायदा मुख्य सचिव को निर्देश दिए गए हैं। इसके बाद भी लेट लतीफी दूर नहीं हुई तो सीधे सीधे कलेक्टरों ही जिम्मेदार माने जाएंगे। सीएम के तेवर से अब कलेक्टरों के पसीने छूटने लगे हैं। यानि फरवरी के आखिरी सप्ताह तक एक और ट्रांसफर लिस्ट निकलने वाली है।

पारुल माथुर की बड़ी पारी

छत्तीसगढ़ के पुलिस महकमे में एक और रिकार्ड दर्ज होने वाला है। पहली बार किसी महिला आईपीएस को एसीबी हेडक्वाटर में डीआईजी पोस्ट किया गया है। हालांकि आईपीएस पारुल माथुर पहले ही डीआईजी इनपैनल हो चुकी हैं पर डीआईजी पद पर एसीबी हेडक्वाटर में उनकी पहली पोस्टिंग है।

आने वाले मार्च में एसीबी चीफ डीएम अवस्थी रिटायर हो रहे हैं। ऐसे में समझा जाता है कि डीआईजी के तौर पर पारुल ही एसीबी की कमान संभालेंगी। यानि वो लंबी पारी खेलने वाली हैं। इससे पहले वो बेमेतरा, मुंगेली, जांजगीर, गरियाबंद और बिलासपुर के अलावा रेलवे एसपी का काम बखूबी संभाल चुकी हैं।

 

    ✍️ अनिल द्विवेदी, ईश्वर चन्द्रा

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