
नई दिल्ली: भारत ने आतंकवाद के खिलाफ एक और बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) में छिपे आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर चलाया। इस ऑपरेशन के तहत भारतीय सेना ने आतंकियों के 9 ठिकानों को पूरी तरह नष्ट कर दिया, जिसमें 90 से अधिक आतंकियों के मारे जाने की संभावना जताई जा रही है। इस कार्रवाई की जानकारी देने के लिए भारतीय सेना ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया, जिसमें न केवल ऑपरेशन की सफलता को उजागर किया गया, बल्कि कट्टरपंथी सोच को भी करारा जवाब दिया गया।
Operation Sindoor: ऑपरेशन सिंदूर: नाम के पीछे की कहानी
पहलगाम में आतंकियों ने धर्म के आधार पर पर्यटकों पर हमला किया था, जिसमें उनका निशाना विशेष रूप से हिंदू पुरुष थे। इस जघन्य कृत्य के जवाब में भारतीय सेना ने आतंकियों के खिलाफ एक बड़े ऑपरेशन की योजना बनाई। इस ऑपरेशन का नामकरण स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया, जिन्होंने इसे ऑपरेशन सिंदूर नाम दिया। यह नाम हिंदू संस्कृति में सुहाग की निशानी सिंदूर से प्रेरित है, जो आतंकियों की कायराना हरकतों के खिलाफ एक प्रतीकात्मक जवाब भी था। देर रात शुरू हुए इस ऑपरेशन में भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पीओके में आतंकियों के 9 ठिकानों को ध्वस्त कर दिया। इस कार्रवाई की खबर जब पहलगाम हमले के पीड़ितों तक पहुंची, तो उनके जख्मों को थोड़ी राहत मिली। एक पीड़ित परिवार की महिला ने कहा, “यह खबर सुनकर ऐसा लगा जैसे हमने खुद उन आतंकियों को सजा दी हो।”
Operation Sindoor: महिला सैन्य अधिकारियों को प्रेस कॉन्फ्रेंस की जिम्मेदारी
भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी साझा करने के लिए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया, जिसमें दो महिला सैन्य अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई। सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी और वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने इस प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। इन महिला अधिकारियों का चयन उन कट्टरपंथियों के लिए एक सशक्त संदेश था, जो धर्म और जाति के नाम पर समाज को बांटने की कोशिश करते हैं।
Operation Sindoor: कौन है कर्नल सोफिया कुरैशी
गुजरात की रहने वाली कर्नल सोफिया कुरैशी भारतीय सेना की एक प्रेरणादायक हस्ती हैं। वह सेना के संचार और सूचना प्रणाली की जिम्मेदारी संभालती हैं। सोफिया का नाम तब सुर्खियों में आया था, जब उन्होंने 18 देशों की मल्टीनेशनल आर्मी ड्रिल में भारत का नेतृत्व किया। इस ड्रिल में 40 भारतीय सैनिक शामिल थे। सोफिया के परिवार का सेना से गहरा नाता रहा है। उनके दादा सेना में सेवारत थे, जबकि उनके पिता ने धार्मिक शिक्षक के रूप में सेना में योगदान दिया। सोफिया की शादी मैकेनाइज्ड इन्फ्रेंट्री के अधिकारी मेजर ताजुद्दीन कुरैशी से हुई है, और उनका एक बेटा समीर कुरैशी है। देश सेवा का जज्बा सोफिया के खून में है, और वह अपनी हर जिम्मेदारी को बखूबी निभा रही हैं।
Operation Sindoor: विंग कमांडर व्योमिका सिंह के बारे में
वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह का नाम भारतीय वायुसेना की सबसे कुशल हेलीकॉप्टर पायलटों में शुमार है। उनके पास 2500 घंटे से अधिक की उड़ान का अनुभव है। एक इंटरव्यू में व्योमिका ने अपने बचपन का एक किस्सा साझा किया था। उन्होंने बताया, “जब मेरी टीचर ने पूछा कि व्योमिका का मतलब क्या है, तो मैंने कहा कि व्योम यानी आसमान। तभी पीछे से किसी ने कहा कि आसमान की मालकिन। टीचर ने कहा कि एक दिन तुम आसमान पर राज करोगी। बस, तभी से मैंने पायलट बनने का सपना देखा।”
व्योमिका ने अपने इस सपने को हकीकत में बदला। नवंबर 2020 में अरुणाचल प्रदेश की त्रासदी के दौरान उन्होंने लोगों को सुरक्षित निकाला, तो 2021 में 21,650 फीट ऊंची माउंट मणिरंग चोटी को फतह कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया। उन्हें चीफ ऑफ एयर स्टाफ और एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ जैसे कई प्रतिष्ठित सम्मान प्राप्त हो चुके हैं।