नक्सलगढ़ में नई मिसाल : पंचायत चुनाव से पहले ही चौपाल में सर्वसम्मति से चुना सरपंच और पंच
जगदलपुर। छत्तीसगढ़ में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का माहौल गर्म है, लेकिन नक्सलगढ़ के नाम से देश-दुनिया में विख्यात बस्तर जिले के गुमगा ग्राम पंचायत से एक प्रेरणादायक और अनोखी खबर सामने आई है। नक्सल प्रभावित क्षेत्र के नाम से पहचाने जाने वाले बस्तर के इस गांव ने पंचायत चुनाव में एक नई मिसाल पेश की है। यहां ग्रामीणों ने चुनाव की प्रक्रिया शुरू होने से 20 दिन पहले ही सर्वसम्मति से अपने सरपंच और पंचों का चयन कर लिया है।
यहां प्रत्याशी के विजयी होने की खुशियां मनाई जा रही हैं। बस्तर जिले के बस्तर विकासखण्ड का गुमगा ग्राम पंचायत प्रदेश के पहले ग्राम पंचायत के रूप में इतिहास में दर्ज हो गया है। नए पंचायत में बिना चुनाव लड़े ही सरपंच सहित 15 पंच सर्वसम्मति से चुन लिए गए हैं।
चार दिन पहले यानी बुधवार को गांव में चौपाल यानी ग्रामसभा की बैठक रखी, जिसमें ग्रामीणों ने पंच और सरपंच सर्वसम्मति से चुन लिया।
निर्वाचित प्रतिनिधियों की सूची
अरचित राम कश्यप की अध्यक्षता में ग्राम सभा की बैठक हुई। गांव के सभी मुद्दों के साथ ग्रामीणों ने सर्वसम्मति से गुमगा के लिए पंच, उप-सरपंच और सरपंच का चयन किया। ग्रामीणों ने सूरज कुमार बघेल को सर्वसमिति से सरपंच और कुमारी कश्यप को उप सरपंच चुन लिया। वहीं वार्ड क्रमांक-1 में दयावती बघेल, वार्ड से 2 कुमारी कश्यप, वार्ड 3 सरादू कश्यप, वार्ड 4 से श्यामवती बघेल, वार्ड 5 से तुलाराम कश्यप, वार्ड से 6 माहेश्वरी कश्यप, वार्ड-7 से फूलचंद बघेल, वार्ड-8 से लखेश्वर बघेल, वार्ड 9 से वेदवती बघेल, वार्ड से 10 धनमती बघेल को सर्वसम्मति से पंच चुना गया।
निर्विरोध पंचायतों को प्रोत्साहन राशि दिया जाता था, अब बंद
जनवरी-2010 में हुए पंचायत चुनाव के दौरान सरकार ने प्रोत्साहन राशि की घोषणा की थी। उसय समय निर्विरोध चुनाव वाले पंचायतों को दो-दो लाख रुपये प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान किया गया था। पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश में यह पुरस्कार की राशि 5 से 15 लाख रुपये है। महिला सरपंच सहित निर्विरोध चुनाव पर 15 लाख रुपये मिलते हैं। पंचायत चुनाव में हिंसा रोकने सरकार और निर्वाचन आयोग ऐसी योजना लेकर आती है, लेकिन कुछ ही गांवों में ऐसा होता है लेकिन अब निर्वाचन आयोग से प्रोत्साहन राशि देने का नियम बंद कर दिया गया।
निर्वाचन आयोग के मार्गदर्शन में हुए चुनाव के बिना निर्वाचित नहीं माने जाएंगे
गांव में भले ही सर्वसम्मति से सरपंच और पंचों का चुनाव कर लिया गया हो लेकिन जब तक छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग के मार्गदर्शन में सिंगल-सिंगल नाम निर्देशन पत्र संबंधितों द्वारा दाखिल नहीं किया जाता, निर्वाचित घोषित नहीं होंगे।