
Korba: निगम ठेकेदार के साथ जब अफसर नाथ है तो बस स्टॉप की मरम्मत में भी सार्थक बात होने लगी है। निगम गलियारों में ठेकेदार आपस में खुसुर फुसर करते कह रहे है बस स्टॉप का काम साढ़े छह लाख और मरम्मत साढ़े तीन लाख, है न सार्थक बात..!
दरअसल जिस बस स्टॉप को देख नगर निगम वाले कभी मुंह फेर लेते थे,आज वही बस स्टॉप “साढ़े छः लाख” की इज्ज़त के साथ चर्चा में है क्योंकि मरम्मत भी साढ़े तीन लाख से हो रही है। मरम्मत के काम में निकल रहे मलाई को लेकर लोग कहने लगे है पूर्ववर्ती सरकार मे ठेकेदारी करने वाले सज्जन का किस्मत बुलंद है या सेटिंग ये निगम के अफसर जाने, लेकिन वे यूनिक कामो को लेकर फिर सुर्खियों में है। पहले अशोक वाटिका का काम और अब बस स्टॉप के मरम्मत की बात में नाथ का साथ चर्चा में है।
कहा तो यह भी जा रहा है गार्डन मेंटेनेंस के नाम पर 4 बस स्टॉप का एक ग्रुप बनाकर साढ़े तीन लाख में मरम्मत कराना दाल में काला नही दाल काली होने का प्रमाण है। कहा तो यह भी जा रहा कि मद परिवर्तन कर मरम्मत करना बड़ा घोटाला है जिसे अफसर अपने फायदे के लिए कहीं भी खर्च कर रहे है। निगम के अफसरो की अफसरी देख अब तो जनमानस भी कहने लगे है जब नाथ हो साथ तो सार्थक बात तो होगी ही… साहब !
फिलहाल तो हम तो इतना ही कहेंगे – “चांद आहे भरेगा फूल दिल थाम लेंगे मरम्मत की बात चली तो सब…नाम लेंगे”