छत्तीसगढ़

Medical Education : छत्तीसगढ़ सरकार का बड़ा फैसला…! चिकित्सा शिक्षा विभाग में 125 सहायक प्राध्यापकों की सीधी भर्ती

रायपुर, 17 नवंबर। Medical Education : छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं और चिकित्सा शिक्षा को और अधिक सुदृढ़ करने के लिए ऐतिहासिक निर्णय लिया है। प्रदेश के 10 शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों के 35 विभागों में 125 सहायक प्राध्यापक (Assistant Professor) के रिक्त पदों पर सीधी भर्ती की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके लिए छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (पीएससी) द्वारा आधिकारिक विज्ञापन जारी कर दिया गया है।

25 नवंबर से शुरू होंगे ऑनलाइन आवेदन

पीएससी के अनुसार सहायक प्राध्यापकों के इन 125 पदों पर भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन 25 नवंबर 2025 से 24 दिसंबर 2025 तक आमंत्रित किए जाएंगे। इच्छुक उम्मीदवार पीएससी की वेबसाइट के माध्यम से आवेदन कर सकेंगे।

इन विभागों में होगी भर्ती

सरकार द्वारा स्वीकृत पदों में पैथोलॉजी, मेडिसिन, जनरल सर्जरी, बालरोग, रेडियोलॉजी, एनेस्थीसिया, स्त्री एवं प्रसूति रोग, कम्युनिटी मेडिसिन, फॉरेंसिक मेडिसिन, माइक्रोबायोलॉजी, फिजियोलॉजी, एनाटॉमी सहित अन्य प्रमुख विषय शामिल हैं।

पदों का वर्गवार विवरण

अनारक्षित (UR) – 45 पद अनुसूचित जाति (SC) – 21 पद अनुसूचित जनजाति (ST) – 43 पद अपिव वर्ग (OBC) – 16 पद राज्य के मेडिकल कॉलेजों में लंबे समय से चल रही फैकल्टी की कमी को दूर करने के लिए यह भर्ती महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

स्वास्थ्य क्षेत्र को मिलेगा नया आधार

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस निर्णय को चिकित्सा शिक्षा के लिए मील का पत्थर बताया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है और इन नई नियुक्तियों से भावी डॉक्टरों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा मिलेगी। साथ ही आम जनता को भी बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं का प्रत्यक्ष लाभ पहुंच सकेगा।

विशेषज्ञों की कमी होगी दूर

स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने कहा कि बड़े पैमाने पर सहायक प्राध्यापकों की भर्ती से मेडिकल कॉलेजों में विशेषज्ञ शिक्षकों की उपलब्धता बढ़ेगी, जिससे छात्रों का प्रशिक्षण स्तर सुधरेगा और अस्पतालों में इलाज की गुणवत्ता भी बेहतर होगी। छत्तीसगढ़ सरकार का यह कदम प्रदेश के स्वास्थ्य ढांचे को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की दिशा में एक मजबूत प्रयास माना जा रहा है। आने वाले समय में इसकी सीधी सकारात्मक असर जनता को मिलने वाली चिकित्सा सेवाओं में दिखेगी।

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