Liquor Scam Case : चैतन्य बघेल की जमानत पर हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित…! दोनों पक्षों को रिटर्न सबमिशन दाखिल करने का निर्देश
ट्रायल में देरी का आरोप
बिलासपुर, 08 दिसंबर। Liquor Scam Case : शराब घोटाला मामले में जेल में बंद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की जमानत याचिका पर सोमवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा की सिंगल बेंच में हुई सुनवाई में ED की ओर से विस्तृत बहस पूरी होने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है।
ट्रायल में देरी, चैतन्य की कोई भूमिका नहीं : बचाव पक्ष
चैतन्य बघेल की ओर से दलील दी गई कि, ट्रायल समय पर शुरू नहीं हो रहा। उनके खिलाफ प्रत्यक्ष भूमिका का कोई सबूत नहीं। 4 अक्टूबर के एक बयान के आधार पर मामला दर्ज किया गया। उनके खाते में आए 2 करोड़ रुपये की एंट्री को शराब घोटाले से जुड़ा हुआ साबित नहीं किया गया। इस आधार पर चैतन्य को जमानत देने की मांग की गई। इसके बाद न्यायालय ने याचिकाकर्ता और प्रतिवादी दोनों पक्षों को रिटर्न सबमिशन दाखिल करने का निर्देश दिया और फिर फैसला सुरक्षित रख लिया।
जन्मदिन के दिन हुई थी गिरफ्तारी
ED ने चैतन्य बघेल को 18 जुलाई को भिलाई से PMLA 2002 के तहत गिरफ्तार किया था। शराब घोटाले की जांच ACB/EOU रायपुर द्वारा दर्ज FIR के आधार पर शुरू हुई थी, जिसमें IPC और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराएँ शामिल थीं। जांच में सामने आया कि, घोटाले से राज्य को भारी वित्तीय नुकसान हुआ, करीब 2,500 करोड़ रुपये की अवैध कमाई लाभार्थियों तक पहुंचाई गई।
ED की अब तक की जांच के अनुसार, चैतन्य को 16.70 करोड़ रुपये नकद शराब घोटाले से मिले। इस रकम को उन्होंने अपनी रियल एस्टेट कंपनियों के प्रोजेक्ट्स में लगाया। ठेकेदारों को नकद भुगतान और नकदी के बदले बैंक एंट्री जैसी गतिविधियां सामने आईं। चैतन्य ने कारोबारी त्रिलोक सिंह ढिल्लों के साथ मिलकर अपने विठ्ठलपुरम प्रोजेक्ट में कर्मचारियों के नाम पर फ्लैट खरीद की आड़ में 5 करोड़ रुपये अप्रत्यक्ष रूप से प्राप्त किए।
बैंकिंग ट्रेल दिखाता है कि ढिल्लों के खातों में शराब सिंडिकेट से भुगतान आया था। शराब घोटाले (Liquor Scam Case) के सिलसिले में अभी तक कई बड़े राजनैतिक और प्रशासनिक चेहरे जेल में हैं, जिनमें पूर्व IAS अनिल टुटेजा, अरविंद सिंह, कारोबारी त्रिलोक सिंह ढिल्लों, अनवर ढेबर, ITS अधिकारी अरुण पति त्रिपाठी, पूर्व मंत्री व वर्तमान विधायक कवासी लखमा शामिल हैं। ED की जांच अभी जारी है।



