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Korba: जांच के दायरे में जंगल और वन विभाग का कारनामा, निर्माण में गड़बड़ी की शिकायत पर DFO की जांच करेंगे SDO…

कोरबा। वैसे तो गाहे ब गाहे जंगल में मंगल होने की शिकायतें आम बात हो गई है, पर इस बार वन विभाग का ऐसा कारनामा सामने आया है, जिसने प्रोटोकाॅल की दिशा ही बदल दी है। दरअसल जंगलों में हुए निर्माण कार्य में गड़बड़ी की शिकायत पर जांच के निर्देश जारी किए गए हैं। इस बार जिले में विभाग के सबसे बड़े अफसर जांच के दायरे में हैं पर खास बात यह है कि जांच का जिम्मा उनसे छोटे रैंक के अधिकारी को दिया गया है। यानि पूरे जंगल के अधिकारी की जांच अब उन्हीं के अधीन आने वाले उप वनमंडल के एसडीओ करते नजर आएंगे।

मामला कुछ यूं है कि उपवनमंडल दक्षिण कोरबा के उपवनमंडलाधिकारी (एसडीओ) ने एक पत्र जारी किया है। वरिष्ठ कांग्रेस कार्यकर्ता संतोष मिश्रा को जारी किया गया यह पत्र कोरबा वनमंडल के परिक्षेत्र कार्यालय कुदमुरा एवं पसरखेत में हुए निर्माण कार्य की जांच कराने के संबंध में जारी किया गया है। उनसे कहा गया है कि उनके द्वारा कोरबा वनमंडल के परिक्षेत्र कार्यालय कुदमुरा एवं पसरखेत में वर्ष 2013 से 2018 तक कराए गए समस्त निर्माण कार्य के संबंध में शिकायत की गई थी। इसी शिकायत के संबंध में श्री मिश्रा का बयान दर्ज करने तिथि निर्धारित करते हुए उपवनमंडलाधिकारी कार्यालय से बुलावा भेजा गया है। उन्हें शिकायत के संबंध में पुष्ट दस्तावेज लेकर 2 जुलाई 2024 को अनिवार्य रूप से उपवनमंडल कार्यालय दक्षिण कोरबा में कार्यालीन समय 11 बजे उपस्थित होने कहा गया है। पत्र पर गौर करें तो उसमें बताए गए संदर्भ में वनमंडलाधिकारी कोरबा के विरुद्ध 30 दिसंबर 2022, 18 नवंबर 2021, 1 मई 2023, 18 अक्टूबर 2023 एवं 29 मई 2024 को की गई शिकायत का हवाला दिया गया है। यानि इस मामले में उपवनमंडल दक्षिण कोरबा के उपवनमंडलाधिकारी (एसडीओ) जांच अधिकारी बनाए गए हैं, जो कोरबा वनमंडल के वनमंडलाधिकारी (डीएफओ) की जांच करेंगे।

 

यह सवाल भी रोचक होगा कि आखिर किसी सौंपेंगे जांच प्रतिवेदन

 

आम तौर पर इस तरह की जांच में जांच अधिकारी या जांच दल अपनी रिपोर्ट सीनियर के समक्ष प्रस्तुत करते हैं। यहां पर जिनके खिलाफ जांच होगी, उनके जूनियर अधिकारी जांच करेंगे पर अपना जांच प्रतिवेदन वे किसे प्रस्तुत करेंगे, यह भी अपने आप में काफी रोचक सवाल है। देखने वाली बात होगी कि आखिर यह जांच कहां तक आगे बढ़ती है और अगर कुछ कदम चलती भी है, तो आखिर वह किसी अंजाम पर पहुंचती भी है या नहीं, इसका पता तो आने वाले वक्त में ही पता चल सकेगा।

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