प्रतीकात्मक तस्वीर
कोरबा। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश के बाद रेत घाट बंद हो गए हैं और अब वे सीधे अक्टूबर में ही खुलेंगे। इस मौके पर चौका लगाकर बेजा फायदा उठाने की होड़ शुरू हो चुकी है। मौजूदा समय में बड़ी संख्या में निर्माण कार्य पेंडिंग हैं। ऐसे में सर्वाधिक जरूरत और मांग के बीच रेत की किल्लत में अवैध कारोबारी लाभ कमाने में जुट गए हैं। अधिकृत रूप से 12 लोगो के पास ही भंडारण का लाइसेंस है। पर उसमें भी आधे के पास रेत का स्टॉक ही नहीं है, जिसका फायदा उठाकर रेत तस्करों में रेत का रेट बढ़ा दिया है। नदी-नालों से चोरी कर अवैध भंडारण के साथ तस्करों ने पिछले चार दिनों में ही रेत का रेट 500 रुपए तक बढ़ा दिया है।
कोरबा जिले की बात करें तो कुल 24 रेत घाट हैं। इनमें से 16 का संचालन हो रहा है, जबकि रेत भंडारण का लायसेंस सिर्फ 12 के पास दिया गया है। ठेका मिलने पर ठेकेदारों ने भंडारण का लाइसेंस लिया था पर अब पंचायतें ही रेत घाट चला रही हैं। एनजीटी के आदेश के साथ जिले में रेत घाट बंद हो गए हैं। इस वजह से रेत का अवैध उत्खनन, परिवहन और भंडारण एक बार फिर से जोर पकड़ने लगा है। साथ ही रेत का रेट भी 4 दिन में ही 500 रुपए तक बढ़ गया है। एनजीटी के आदेश के बाद 10 जून से रेत घाट बंद हो गए हैं। जिले में 24 में से 16 घाट ही चल रहे थे। राज्य शासन ने अब रेत घाटों को ग्राम पंचायतों और निकायों को दे दिया है। पर कई घाट अब भी आपसी सहमति से ठेकेदार ही चला रहे हैं। दूसरी ओर रेत ठेकेदारों ने पहले से ही भंडारण करने लाइसेंस लिया है। इनमें से 6 के पास लाइसेंस भी नहीं है। भंडारण की आड़ में रेत चोरी हो रही है।
पहले प्रति ट्रेक्टर 1500 रूपए था, अब 2000 के पार
सप्ताहभर पहले तक प्रति ट्रैक्टर 1500 रुपए घर पहुंचाकर देते थे, वह अब 2 हजार तक हो गया है। नदी-नालों में अवैध खनन पर भी जिम्मेदार विभाग रोक लगा नहीं पा रहे हैं। हसदेव नदी पर बांगो से लेकर फरसवानी, चिचोली तक अलग-अलग रेत घाट है। बागो में रेत घाट से चोरी हो रही है। यहां पर भंडारण का लाइसेंस मिला है, जहां रेत की रोजाना मात्रा बढ़ रही है। इसके बाद भी खनिज विभाग सत्यापन नहीं करता है। इसका तस्कर फायदा उठा रहे हैं। इसके अलावा अहिरन नदी, सोन नदी, खोलार नदी, लीलगर नदी के साथ ही कई बड़े नाले हैं, जहां से रेत चोरी हो रही है।
24 घंटे दौड़ रहे मिनी ट्रक, टास्क फोर्स उड़न छू
शहर में 24 घंटे मिनी ट्रक दौड़ते देखे जा सकते हैं, लेकिन उन पर भी अंकुश नहीं लगाया जा रहा है। शहर के भीतर पहले ट्रैक्टर में ही रेत का परिवहन हो रहा था। लेकिन कुछ दिनों से छह छक्का मिनी ट्रक से रेत परिवहन किया जा रहा है। उस पर भी रोक नहीं लग पा रही है। तेज रफ्तार वाहन होने के बाद भी दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। यही नहीं कई बार तो रेत निकालने के लिए एनीकट का पानी भी छुड़वा देते हैं। इस पर भी कार्रवाई नहीं होती। अवैध खनिज खनन और परिवहन रोकने जिले में टास्क फोर्स है, लेकिन कार्रवाई नजर नहीं आती।
16 घाट खुलने हैं पर बारिश के बाद, तब तक महंगी कीमत पर खरीदी
रेत घाट की कमी दूर करने की कवायद भी ऐसी, कि खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही। नए घाट नहीं खुलने के कारण ही रेत की किल्लत लगातार बढ़ती जा रही है। खनिज विभाग ने जिले में 24 स्थानों पर रेत घाट के लिए स्थल चयनित किया हुआ है। उधर पर्यावरण स्वीकृति के साथ पंचायतों की रुचि नहीं लेने के करण 12 घाट ही चालू हो पाए। अभी 16 और रेत घाट शुरू किया जाना है। लेकिन यह अब बारिश के बाद ही संभव हो पाएगा और तब तक लोगों को महंगी कीमत में रेत खरीदना पड़ेगा।
रेत भंडारण क सत्यापन करा रहे हैं: नायक
इस मामले में जिला खनिज अधिकारी प्रमोद कुमार नायक का कहना है कि एनजीटी के आदेश के अनुसार रेत घाट बंद है। अब अक्टूबर में ही खुलेंगे। जहां तक रेत भंडारण का सवाल है उसका सत्यापन कराया जा रहा है। अधिक मात्रा पाए जाने पर कार्रवाई होगी। अवैध भंडारण के खिलाफ भी कार्रवाई करने कहा गया है।