
कोरबा। जनपद पंचायत सीईओ की गिरफ्तारी के बाद कोरबा ब्लॉक के 18 सचिव EOW की रडार में है। सूत्रधार की मानें तो जांच को गति देने के लिए इन सचिवों से कभी भी पूछताछ हो सकती है।
मामला डीएमएफ से जुड़ा है। कोरबा ब्लॉक के 18 ऐसे पंचायत है जहां पर केशर इंफ्रा ने सोलर लाइट लगाकर करोड़ों की फेरफरी की। सप्लायर का साथ और उनकी बातों पर आकर बिना मूल्यांकन सिर्फ बिल के आधार पर रकम भुगतान करने वाले सचिव अब टेंशन में हैं। कहा तो यह भी जा रहा है कि सोलर लाइट सिस्टम के मास्टरमाइंड कहे जाने वाले पूर्व सरपंच संघ के अध्यक्ष भी लपेटे में आ सकते हैं। हालांकि पूर्व सरपंच संघ के अध्यक्ष रहे भाजपा के पदाधिकारी है उनसे पूछताछ की संभावना कम है।
गिरफ्तार सीईओ का बढ़ा रिमांड
छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले (Korba District) में जिला खनिज न्यास घोटाले की जांच में एक और बड़ा मोड़ आया है। मंगलवार को इस मामले में चार पूर्व जनपद पंचायत सीईओ को विशेष न्यायालय में पेश किया गया, जहां अदालत ने उन्हें 19 मई तक के लिए रिमांड पर भेज दिया।
रिमांड पर भेजे गए अधिकारियों में तत्कालीन DMFT नोडल अधिकारी भरोसाराम ठाकुर, सीईओ भूनेश्वर सिंह राज, राधेश्याम मिर्झा और वीरेंद्र कुमार राठौर शामिल हैं।
EOW की ओर से अदालत में बताया गया कि पूछताछ के दौरान कई नए सुराग मिले हैं, जिनके आधार पर जरूरी दस्तावेज और सबूत इकट्ठा करने के लिए समय की जरूरत है। अदालत ने इस तर्क को स्वीकार करते हुए रिमांड अवधि बढ़ा दी।