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कोरबा। कोरबा नगर निकाय चुनाव में इस बार कई अजब-गजब मामले देखने को मिले, खासकर नगर पालिका परिषद बांकीमोंगरा में, जहां गठन के बाद हुए पहले चुनाव में प्रत्याशियों के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली. वार्ड क्रमांक 15, कुदरीपारा में तो मुकाबला इतना रोमांचक रहा कि टाई होने के बाद पर्ची निकालकर जीत का फैसला किया गया. बता दें, कि यहां कांग्रेस प्रत्याशी मधुसूदन दास और कांग्रेस से ही टिकट न मिलने पर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे साबिर अंसारी के बीच सीधा मुकाबला था. दोनों ही प्रत्याशियों ने चुनाव प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी थी. मतगणना के दौरान हर राउंड में दोनों के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली. आखिरकार, जब सभी मतों की गिनती पूरी हुई तो परिणाम चौंकाने वाला था. मधुसूदन दास और साबिर अंसारी दोनों को ही 258-258 वोट मिले. यानी मुकाबला टाई हो गया.
मतगणना केंद्र पर छा गया सन्नाटा
आपको बता दें, कि इस अप्रत्याशित परिणाम से मतगणना केंद्र पर सन्नाटा छा गया. दोनों प्रत्याशियों और उनके समर्थकों की धड़कनें थम गईं. हर कोई यह जानने को उत्सुक था कि अब जीत का फैसला कैसे होगा. लेकिन आपको बता दें, कि ऐसी स्थिति में टाई ब्रेकर का इस्तेमाल किया जाता है. ऐसे में यहां भी पर्ची निकालकर विजेता का निर्धारण करने का फैसला लिया गया. दोनों प्रत्याशियों के नाम की पर्ची डाली गई और वहां मौजूद तीसरे व्यक्ति को पर्ची निकालने के लिए बुलाया गया. जैसे ही पर्ची निकाली, सबकी निगाहें उस पर टिक गईं. पर्ची में मधुसूदन दास का नाम लिखा था.
मधुसूदन के समर्थकों में खुशी की लहर
बता दें, कि इस घोषणा के साथ ही मधुसूदन दास के समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई. उन्होंने मधुसूदन दास को बधाई दी और नारे लगाए. वहीं, साबिर अंसारी के समर्थक निराश हो गए. इस तरह मधुसूदन दास ने कड़े मुकाबले के बाद अपनी पहली चुनावी जीत दर्ज की और वे नगर पालिका परिषद बांकीमोंगरा के वार्ड 15 से पहले निर्वाचित पार्षद बने. यह जीत उन्हें हमेशा याद रहेगी, क्योंकि उन्हें किस्मत का भी साथ मिला.
एक-एक वोट का होता है महत्व
वहीं इस चुनाव परिणाम ने यह भी साबित कर दिया कि लोकतंत्र में हर एक वोट का महत्व होता है. एक वोट से भी हार-जीत का फैसला हो सकता है. बांकीमोंगरा के वार्ड 15 में टाई के बाद पर्ची से जीत का फैसला इस बात का जीता जागता उदाहरण है.