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KORBA: सीमेंट में GST कम होने के बाद भी नहीं मिला लाभ, अब भी ऊंचे दाम पर बिक रहा माल

कोरबा। केंद्र सरकार ने हाल ही में सीमेंट पर जीएसटी की दर घटाकर आम उपभोक्ताओं को राहत देने का ऐलान किया था। उम्मीद की जा रही थी कि इस फैसले के बाद बाजार में सीमेंट के दाम कम होंगे और निर्माण कार्य कर रहे लोगों को सीधी राहत मिलेगी। लेकिन हकीकत इसके उलट है। शहर और आसपास के बाजारों में आज भी सीमेंट पुराने रेट पर ही बिक रहा है।

ग्राहकों का कहना है कि वे दुकानदारों से जब कम दाम पर सीमेंट देने की बात करते हैं, तो साफ जवाब मिलता है कि “कंपनी जब नए स्टॉक पर मूल्य घटाएगी, तब दाम में कमी होगी।” इसका सीधा मतलब यह है कि फिलहाल उपभोक्ता को किसी तरह की राहत नहीं मिलने वाली।

स्थानीय व्यापारियों का तर्क है कि उनके पास पहले से ऊंचे दाम पर खरीदा गया स्टॉक पड़ा हुआ है। ऐसे में जीएसटी घटने के बाद भी वे पुराने रेट पर ही सामान बेचने को मजबूर हैं। वहीं उपभोक्ता इसे सरासर लूट करार दे रहे हैं। उनका कहना है कि सरकार तो राहत देने की कोशिश कर रही है, लेकिन बीच में व्यापारी इसका फायदा खुद उठा रहे हैं और जनता को पुराने दाम पर सीमेंट खरीदने मजबूर कर रहे हैं।

निर्माण कार्य कर रहे लोगों का कहना है कि सीमेंट की कीमतों में राहत नहीं मिलने से उनकी लागत बढ़ी हुई है। खासकर छोटे ठेकेदार और मकान बनाने वाले परिवारों पर इसका सीधा असर पड़ रहा है।

अब देखना होगा कि प्रशासन इस पर कोई कदम उठाता है या फिर आम जनता को सस्ती दरों पर सीमेंट मिलने के लिए कंपनी के नए स्टॉक आने का इंतजार करना पड़ेगा।

सीमेंट पर GST 28 से घटकर 18 प्रतिशत, फिर भी बाजार में नहीं मिल रही राहत – अभी भी 300 रुपए में बिक रहा बैग

कोरबा। केंद्र सरकार ने सीमेंट पर जीएसटी की दर 28 से घटाकर 18 प्रतिशत कर दी है। कागज पर यह बड़ा फैसला उपभोक्ताओं को राहत देने वाला माना जा रहा है। अनुमान लगाया जा रहा था कि इस कमी से सीमेंट के दाम प्रति बोरी 25 से 30 रुपए तक घट जाएंगे। उदाहरण के तौर पर, अल्ट्राटेक सीमेंट की एक बोरी जो अब तक 300 रुपए में बिक रही थी, उसे करीब 270 रुपए में मिलने की उम्मीद जताई जा रही थी।

लेकिन हकीकत यह है कि कोरबा के बाजारों में फिलहाल उपभोक्ताओं को इसका कोई फायदा नहीं मिल रहा है। दुकानदार अभी भी सीमेंट की बोरी 300 रुपए में ही बेच रहे हैं।

ग्राहकों ने नाराजगी जताते हुए कहा कि जीएसटी घटने का फायदा सीधे-सीधे जनता को मिलना चाहिए था, लेकिन व्यापारी पुराने दाम ही वसूल रहे हैं। दुकानदारों से जब इस बारे में सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि “जब तक कंपनियां नए स्टॉक पर कीमत कम नहीं करेंगी, तब तक दाम घटाना संभव नहीं है।”

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