
कोरबा। आदिवासी विकास विभाग कोरबा में वर्ष 2021-22 के तहत छात्रावास और आश्रमों में निर्माण, नवीनीकरण और अन्य कार्यों में गंभीर अनियमितताओं का मामला सामने आया है। जांच में पाया गया कि लघु निर्माण, नवीनीकरण और अन्य कार्यों में संबंधित अधिकारियों, ठेकेदारों और एजेंसियों से आवश्यक दस्तावेज और अनुमोदन उपलब्ध नहीं हैं। कई मामलों में माप पुस्तिका, देवक बुकाज और भुगतान के दस्तावेज भी अधूरे पाए गए।
सहायक आयुक्त आदिवासी विकास कोरबा की रिपोर्ट के आधार पर इन अनियमितताओं में शामिल अधिकारियों और एजेंसियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की तैयारी है। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि दोषियों से नियम अनुसार वसूली की जाएगी और संबंधित थानों में FIR दर्ज करने का आदेश दिए है।
बता दें कि संविधान के अनुच्छेद अंतर्गत छात्रावास/आश्रमों में लधुनिर्माण / रेनोवेशन के कार्यों से संबंधित निविदा अभिलेख, कार्य आदेश, प्राक्कलन, माप पुस्तिका, देयक व्हाउचर, मूल नस्ती एवं अन्य अभिलेख कार्यालय में उपलब्ध नहीं होने के संबध में जांच समिति के द्वारा यह निर्णय लिया गया है, कि इस संबंध में पुलिस थाने में FIR दर्ज किया जावे, साथ ही तकनीकी अमले द्वारा कार्यों का स्थल निरीक्षण उपरांत संबंधित फर्म द्वारा कराये गये कुछ कार्य की स्वीकृत राशि (अनुबंध राशि) से कम का कार्य कराया जाना पाया गया। उप अभियंतों के निरीक्षण उपरांत लगभग राशि रू. 80.00 लाख का कार्य नहीं पाया गया है। संबंधित ठेकेदारों से अनुबंध राशि के अनुसार पुनः कार्य कराये जाने के लिये एक माह समय दिये गये थे जिस पर ठेकेदारों के द्वारा अपनी सहमति दी गई थी, किन्तु आज पर्यन्त ठेकेदारों के द्वारा कार्य नहीं कराया जाना गाया है। उक्त प्रकरण संबंधित ठेकेदारों एवं डाटा एण्ट्री आपरेटर आदिवासी विकास कोरबा मुख्य रूप से शामिल है। अतः उनके विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट (F.I.R) दर्ज कराई गई है तथा तत्कालीन सहायक आयुक्त आदिवासी विकास कोरबा सहायक अभियंता एवं उप अभियंता के विरूद्ध विभागीय जांच संस्थित करने हेतु विभाग को पत्र लिखा गया।