
कोरबा। दादर परशुराम नगर बसाने वाले प्रोफेसर सुरेश तिवारी व उनकी पत्नी सुधा तिवारी को कोर्ट ने तीन साल की सजा सुनाई है। जमीन क्रेता जगदीश मिश्रा के पिटीशन पर यह कार्यवाही की है।
बता दें कि परशुराम नगर की जमीन की खरीद फरोख्त के मामले में कोर्ट ने बड़ी कार्यवाही करते हुए फर्जी जमीन को बेचने के मामले में प्रोफेसर तिवारी व उनकी पत्नी को तीन साल को सजा और 20 हजार का जुर्माना लगाया है। जानकारी के अनुसार मामला 2013 का है। 2013 में जगदीश मिश्रा ने सुरेश तिवारी से जमीन खरीदा था। जमीन का जब नामांतरण करने पहुंचे तो पता चला मौके पर जमीन है ही नही। रकम देकर जमीन मिलने पर जगदीश मिश्रा ने श्री तिवारी को जमीन दिलाने का अनुनय किया, लेकिन उन्हें नही मिला। तब जाकर 2020 में न्याय की गुहार लगाते हुए कोर्ट की शरण में चले गए। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आज तीन साल की सजा सुनाई है।
3 माह के भीतर 25 लाख 50 हजार रुपये देने का निर्देश
न्यायाधीश ने दण्डादेश में लेख किया है कि आरोपीगण के कृत्य के कारण प्रार्थी जगदीश मिश्रा को अत्याधिक हानि उठानी पड़ी है। प्रार्थी के द्वारा 15,00,000/- रूपये जैसे बड़ी धनराशि वर्ष 2013 में तथा 1,50,000/- रूपये कुल 16,50,000/- रूपये आरोपीगण को दिया गया है।
न्यायालय ने कहा है कि आरोपीगण को सजा होने के पश्चात् भी प्रार्थी को हुई हानि की भरपाई नहीं होती है। अतः धारा 357 दं.प्र.सं. के अंतर्गत यह न्यायालय आरोपीगण को आदेश देती है कि आरोपीगण 16,50,000/- रूपये तथा वर्ष 2016 से उस पर 6 प्रतिशत का साधारण ब्याज सहित कुल 25,50,000/- रूपये निर्णय दिनांक से 03 माह के भीतर अदा करेंगे। आरोपीगण द्वारा उक्त प्रतिकर की राशि का भुगतान नहीं किये जाने पर उसकी वसूली जुर्माने की वसूली की तरह की जायेगी।