कोरबा। छत्तीसगढ़ म छत्तीसगढ़िया मन ला वोट देवा, ताकि ओ मन छत्तीसगढ़ के दुख दर्द ला समझ सके, दूर करे के कोशिश कर सके…,
यही आदर्श वाक्य लेकर लोकसभा क्षेत्र कोरबा से चुनाव मैदान में कदम रखते हुए गुरुवार को छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के मुखर नेता और अधिवक्ता दिलीप कुमार मिरी ने विधिवत नामांकन दाखिल किया। छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के जिलाध्यक्ष समेत तमाम पदाधिकारी और कार्यकर्ता उपस्थित रहे। नामांकन दाखिल करने के बाद उन्होंने बताया कि हसदेव के जंगल और हर छत्तीसगढ़िया के मंगल के लिए मैं भी चुनावी दंगल में कूद पड़ा हूं। सार्वजनिक उपक्रमों में स्थानीय की उपेक्षा, विस्थापन का दंश और किसानों की पीड़ा जैसे मुद्दों पर फोकस कर हमने लोकसभा चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है। छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के सभी साथियों की सहमति से मेरा नाम प्रस्तावित किया गया, जिनके निर्णय से मैंने आज अपना नामांकन दाखिल किया है।
कांग्रेस-भाजपा आई-गई पर किसी ने किसान- मजदूर का साथ नही दिया, सिर्फ उपेक्षा की
श्री मिरी ने आगे कहा कि कोरबा लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस आई, पांच साल सत्ता में काबिज रही, उसके पहले और अब भाजपा की सरकार है। पर किसी पार्टी ने किसानों मजदूरों और स्थानीय छत्तीसगढ़िया का साथ नही दिया। किया तो सिर्फ उद्योगों की पैरवी और स्थानीय की सिर्फ उपेक्षा। दशकों पुरानी भूविस्थापितों की समस्या, किसानों के मुआवजे की बात अधूरी है। एसईसीएल हो या एनटीपीसी, कई पीढ़ियां गुजर गई पर स्थानीय युवाओं को उनके रोजगार के हक के लिए आज भी तरसना पड़ रहा है। क्या यही जनप्रतिधियों का फर्ज है, जिसके लिए जनता उन्हें चुनकर आगे भेजती है।
इधर प्रदूषण, उधर कट रहे जंगल और सड़क पर रोज 2 मौत
श्री मिरी ने कहा कि कोरबा एक औद्योगिक नगरी है जहां अनगिनत पावर प्लांट और खदाने है। इनसे प्रदूषण की मार और बीमारी तो लोग झेल ही रहे, बेतहाशा परिवहन से औसतन हर रोज सड़क पर दो की जान जा रही है। इधर प्रदूषण बढ़ रहा और उधर पेड़ों के कटने से जंगल घट रहे हैं। हसदेव का दायरा सिमट रहा है और सरकारें कुछ सुनने को तैयार नहीं। इन सब मुद्दों को लेकर वे जनता के बीच जाएंगे।