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Kheer Ganga River : उत्तरकाशी में आपदा…! ‘सैलाब’ के 36 करोड़ घन मीटर मलबे ने लिया पूरे क्षेत्र को अपनी चपेट में…इसके नीचे दफ़न प्रियजनों के शव…देखें VIDEO

ISRO का 'सैलाब' पर सैटेलाइट विश्लेषण

उत्तरकाशी, 09 अगस्त। Kheer Ganga River : उत्तरकाशी में मंगलवार को खीर गंगा नदी में अचानक आई सैलाब, संभवतः बादल फटने या ग्लेशियल झील टूटने की वजह से, धराली गांव सहित आसपास के इलाक़ों में भारी तबाही मचा दी। वहीं अब गांव में मलबे में दबे लोगों को खोजने का काम शुरू हो गया है। उत्तरकाशी से गंगोत्री तक एक ही सड़क है, जो धराली से गुजरती है। हर्षिल से धराली की 3 किमी की सड़क 4 जगह पर 100 से 150 मीटर तक खत्म हो चुकी है। भटवाड़ी से हर्षिल तक तीन जगह लैंडस्लाइड हुई है और एक पुल टूटा है। ऐसे में धराली तक सड़क खुलने में 2-3 दिन और लग सकते हैं। इस घटना में कम से कम आधा धराली गांव मलबे और कीचड़ में दब गया।

ISRO के सैटलाइट विश्लेषण

एक ISRO के सैटलाइट विश्लेषण में सामने आया है कि लगभग 36 करोड़ घन मीटर मलबे ने पूरे क्षेत्र को अपनी चपेट में लिया, जिससे धराली गाव अस्तित्वहीन हो चुका है। मिट्टी, बड़े-बड़े मलबा और कीचड़ की बाढ ने गांव को लगभग पूरी तरह नष्ट कर दिया। मलबे की ऊँचाई तीन मंजिला इमारत से भी ज़्यादा हो गई थी।

मानव और संरचनात्मक क्षति

अब तक कई लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि अधिक संख्या में लोग लापता बताए जा रहे हैं, स्थानीय अंदाज़ों के अनुसार यह संख्या 50 से अधिक भी हो सकती है। सैकड़ो लोगों को बचाया गया है, लेकिन कई लोग अभी भी फिर से बरामद किए जाने की उम्मीद है।

बचाव और राहत प्रयास

सेना, NDRF, SDRF, ITBP और स्थानिक प्रशासन राहत कार्यों (Kheer Ganga River) में शामिल हैं। हेलीकॉप्टरों का उपयोग, स्निफर डॉग्स, ड्रोन और भारी मशीनरी को काम में लाया जा रहा है ताकि मलबे में दबे लोगों को खोजा जा सके। NDMA (राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण) ने धराली घटना की त्वरित समीक्षा और जांच के लिए टीम भेजने की घोषणा की है, ताकि भविष्य की आपदा तैयारी बेहतर बनाई जा सके।
 

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