अंबिकापुर। सरगुजा जिले के उदयपुर में पदस्थ एसडीएम बीआर खांडे (भागीरथी खांडे) के संपत्ति की जांच शुरू कर दी गई है। उदयपुर स्थित एसडीएम कार्यालय में 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार एसडीएम बीआर खांडे को साथ लेकर एसीबी की टीम अंबिकापुर के गांधी चौक स्थित आफिसर्स कालोनी के उनके शासकीय आवास में भी पहुंची थी। यहां जांच के दौरान एसीबी टीम को जमीन से जुड़े कुछ संदिग्ध दस्तावेज भी मिले हैं। इसके अलावा कुछ अन्य दस्तावेज और नकदी भी बरामद किया गया है। देर रात तक घर में जांच पड़ताल के बाद एसीबी की टीम शनिवार को पूरे दिन दस्तावेजों की छानबीन व जांच में लगी रही। सरगुजा में किसी एसडीएम को रिश्वत लेते पहली बार पकड़ा गया है। सरगुजा में एसीबी की टीम पहली बार रिश्वतखोर अधिकारी के संपत्ति की भी जांच कर रही है। आय से अधिक संपत्ति का पता चलने पर एसडीएम (मूल पद डिप्टी कलेक्टर) के विरुद्ध आय से अधिक संपत्ति का पृथक से प्रकरण पंजीकृत चलेगा। मालूम हो कि एसडीएम बीआर खांडे तथा कार्यालय में पदस्थ लिपिक धरमपाल दास, भृत्य अबीर राम व नगर सैनिक कविनाथ सिंह को शुक्रवार को एसीबी की टीम ने राजस्व प्रकरण में आदेश करने के एवज में 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। इन सभी को शनिवार दोपहर बाद न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। न्यायालय के निर्देश पर सभी को जेल भेज दिया गया है।
भ्रष्टाचार के लिए दूसरे विभागों के कर्मचारियों को किया था संलग्न
उदयपुर में एसडीएम का कामकाज देख रहे बीआर खांडे पर संगठित तरीके से भ्रष्टाचार करने का आरोप लगा है राजस्व प्रकरणों की सुनवाई के दौरान जिस पक्षकार का पक्ष मजबूत रहता था, उससे सीधे संपर्क कर रिश्वत लिए जाने की शिकायतें अब सामने आ रही है।रिश्वतखोरी के लिए एसडीएम ने दूसरे विभागों के कर्मचारियों को कार्यालय में संलग्न कर रखा था। एसडीएम कार्यालय में रीडर जैसे महत्वपूर्ण पद की जवाबदारी सहायक शिक्षक एलबी धरमपाल दास को दी गई थी। भृत्य का कामकाज देखने वाला अबीर राम भी आदिम जाति कल्याण विभाग का कर्मचारी था। इन दोनों के अलावा बतौर सुरक्षा कर्मचारी नगर सैनिक कविनाथ सिंह को भी वह लेनदेन के कार्य में उपयोग किया करता था। आरोप है कि इन तीनों कर्मचारियों के साथ मिलकर एसडीएम लगातार रिश्वतखोरी कर रहे थे। वे रिश्वत की रकम सीधे ना लेकर कर्मचारियों के माध्यम से लिया करते थे।
महोत्सव की तैयारी छोड़ कर रिश्वतखोरी के लिए पहुंचे थे कार्यालय
शुक्रवार को रामगढ़ महोत्सव के लिए उदयपुर में तैयारी चल रही थी। जिला और ब्लॉक स्तर के अधिकारी उदयपुर में जमे हुए थे। इन अधिकारियों में एसडीएम बीआर खांडे भी थे। सूत्रों के मुताबिक अचानक एसडीएम, अधिकारियों के बीच से उठकर चले गए थे। उन्होंने कहा था कि वे 10 मिनट के भीतर अपने कार्यालय से वापस लौट रहे हैं।उस समय कार्यालय बंद होने का समय हो चुका था। आरोप है कि रिश्वत की रकम सेट करने की मंशा से ही वे रामगढ़ महोत्सव की तैयारी छोड़कर अपने कार्यालय गए थे। वहां पहले से ही एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम तैनात थी। यदि रामगढ़ महोत्सव की तैयारी को छोड़कर एसडीएम अपने कार्यालय नहीं जाते तो शायद रिश्वतखोरी के आरोप में शुक्रवार उन्हें पकड़ पाना संभव नहीं होता।