भिंड, 21 अगस्त। Independence Day : आमतौर पर सीएम हेल्पलाइन 181 पर नागरिकों की गंभीर समस्याओं को दर्ज किया जाता है, लेकिन भिंड जिले के मछंड क्षेत्र से एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है, जिसने पूरे प्रशासनिक अमले को असहज कर दिया।
घटना 15 अगस्त 2025 की है। नौधा गांव में ग्राम पंचायत द्वारा ध्वजारोहण कार्यक्रम आयोजित किया गया। ध्वजारोहण के बाद लड्डुओं का वितरण शुरू हुआ, तभी गांव के निवासी कमलेश कुशवाहा ने सिर्फ एक लड्डू मिलने पर नाराज होकर सीधा सीएम हेल्पलाइन 181 पर शिकायत दर्ज करवा दी।
क्या हुआ था मौके पर?
पंचायत भवन के बाहर खड़े कमलेश कुशवाहा को चपरासी धर्मेंद्र द्वारा एक लड्डू दिया गया। लेकिन कमलेश दो लड्डू की जिद पर अड़े थे। जब धर्मेंद्र ने अतिरिक्त लड्डू देने से मना कर दिया, तो कमलेश ने मौके पर से ही सीएम हेल्पलाइन में कॉल करके शिकायत दर्ज कर दी।
शिकायत में उन्होंने कहा कि “ग्राम पंचायत भवन में ध्वजारोहण के बाद लड्डू वितरण नहीं किया गया, और बाहर खड़े लोगों को नजरअंदाज किया गया।”
पंचायत सचिव की प्रतिक्रिया
जब यह मामला ग्राम पंचायत सचिव रविंद्र श्रीवास्तव तक पहुंचा, तो वह हैरान रह गए। उन्होंने कहा, कमलेश कुशवाहा को एक लड्डू दिया गया था, लेकिन वह दो लड्डू मांग रहे थे। मना करने पर उन्होंने शिकायत कर दी। वह सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत करने के लिए कुख्यात हैं और पहले भी कई विभागों में कई दर्जन शिकायतें कर चुके हैं।
सचिव श्रीवास्तव ने मुस्कराते हुए कहा कि शिकायत का समाधान निकालने के लिए वे स्वयं 1 किलो लड्डू लेकर कमलेश के पास जाएंगे और माफी मांगेंगे। हमारे लिए गांव में सौहार्द्र और शांति बनाए रखना प्राथमिकता है।
कमलेश कुशवाहा का पक्ष
कमलेश का कहना है कि, मैंने तो सिर्फ यह पूछना चाहा था कि क्या स्वतंत्रता दिवस पर प्रसाद वितरण की कोई सरकारी नीति है या नहीं, क्योंकि हमें बाहर खड़े होने के कारण लड्डू नहीं दिए गए। पर मेरी बात को शिकायत मान लिया गया।
सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय
इस “लड्डू विवाद” ने अब सोशल मीडिया पर भी अपनी जगह बना ली है। कुछ लोग इसे “जनता की जागरूकता” बता रहे हैं, तो कुछ इसे “शिकायत का मजाक” बता रहे हैं।
जहां देश
स्वतंत्रता दिवस के दिन राष्ट्रभक्ति (Independence Day) और बलिदानों को याद कर रहा था, वहीं भिंड के एक गांव में लड्डू का वितरण और उसकी मात्रा प्रशासनिक चर्चा का विषय बन गई। हालांकि यह घटना हल्की-फुल्की है, लेकिन यह भी दर्शाती है कि जनता कितनी जागरूक और अधिकारों को लेकर सतर्क हो चुकी है, चाहे वो एक लड्डू ही क्यों न हो।