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कोरबा। शहर के निहारिका क्षेत्र में रविवार को ऐसा नजारा देखने को मिला जिसने सबके दिलों को छू लिया। नेत्रहीन कलाकारों के एक समूह ने अपनी मधुर आवाज से लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया, जो जहां था वहीं ठहर गया। यह संगीत केवल मनोरंजन के लिए नहीं था, बल्कि मूक-बधिर बच्चों को शिक्षा देने के एक नेक मकसद से जुड़ा था।
निहारिका क्षेत्र में सड़क किनारे ओडिशा की एक नेत्रहीन संस्था के इन कलाकारों ने भजन संध्या का आयोजन किया। उनकी कला इतनी प्रभावशाली थी कि राहगीर भी ठहरकर सुनने को मजबूर हो गए। यह कोई औपचारिक आयोजन नहीं, बल्कि जरूरतमंद नेत्रहीनों के लिए धन जुटाने का स्वैच्छिक प्रयास था।
कलाकार नेपु जैना ने बताया कि उनकी टीम लोगों की मांग पर अलग-अलग स्थानों पर प्रस्तुति देती है। इससे मिलने वाली राशि ओडिशा के नवरंगपुर में नेत्रहीन बच्चों के स्कूल को चलाने में काम आती है।
नेपु ने कहा, “हमारा लक्ष्य सिर्फ संगीत नहीं, बल्कि उन बच्चों को शिक्षित करना है जो न देख सकते हैं, न सुन सकते हैं। हम चाहते हैं कि वे आत्मनिर्भर बनें और समाज में अपनी जगह बनाएं।” यह प्रयास उनकी संगीतमय प्रतिभा और सामाजिक जिम्मेदारी का अनूठा संगम है।
मौके पर मौजूद लोगों ने इन कलाकारों के जज्बे और समर्पण की खूब तारीफ की। एक राहगीर ने कहा, “इनका हौसला प्रेरणादायक है। ये न सिर्फ कला दिखा रहे हैं, बल्कि दूसरों के लिए उम्मीद भी जगा रहे हैं।
यह आयोजन साबित करता है कि संगीत सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि बदलाव का माध्यम भी है। कोरबा के लोगों ने इस नेक काम को सराहा और दिल खोलकर दान दिया, ताकि मूक-बधिर बच्चों का भविष्य संवरे। इन कलाकारों की यह पहल वाकई प्रशंसनीय है।