रायपुर। छत्तीसगढ़ में बड़ी प्रशासनिक उठापटक की हलचल तेज हो गई है। सरकार ने कल सामान्य प्रशासन विभाग से अफसरों का ग्रेडेशन लिस्ट मंगाया है। इसी के हिसाब से प्रशासनिक अधिकारियों का ट्रांसफर किया जाएगा। पता चला है, इनमें बड़ी संख्या में मंत्रालय के सिकरेट्री, जिलों के कलेक्टर, एसपी, निगम कमिश्नर, जिला पंचायत सीईओ और बोर्ड निगम आयोगों के एमडी, सीईओ शामिल होंगे। हो सकता है, लिस्ट 50 से उपर चली जाए।
बीजेपी को सत्ता में आए कल 3 जनवरी को एक महीने हो जाएंगे। सरकार बदलने के बाद बड़े स्तर पर सिर्फ एक पोस्टिंग हुई है। सिकरेट्री टू सीएम पी दयानंद की। बाकी सीएम के दो-तीन ओएसडी अपाइंट हुए हैं। इसके अलावा कुछ नहीं। जबकि, पिछली सरकार में सरकार बदलने के दूसरे दिन ही डीजीपी, खुफिया चीफ, सीपीआर को हटा दिया गया था। और दो दिन बाद पहली जंबो सूची 58 आईएएस अफसरों को निकली थी, जिसमें 22 जिलों के कलेक्टर बदल गए थे। मगर सीएम विष्णुदेव जल्दी में नहीं है। सोच समझकर पोस्टिंग की लिस्ट तैयार की जा रही है। ठीक उसी तरह जिस तरह मंत्रियों के विभागों का बंटवारा किया गया। मंत्रियों को देर से विभाग मिला मगर उस पर किसी ने उंगली नहीं उठाई।
कलेक्टरों की बड़ी लिस्ट
उधर, कलेक्टर, एसपी, निगम कमिश्नर और जिपं सीईओ में भी काफी परिवर्तन किया जाएगा। इनमें दो दर्जन से अधिक आईएएस अधिकारियों के ट्रांसफर किए जाएंगे। कलेक्टरों के ट्रांसफर को लेकर सरकार बड़ी उलझन में है। चूकि जिसकी सरकार होती है, कलेक्टर उसी के इशारे पर कार्य करते हैं। सो, जिस जिले में मंत्री, मिनिस्टर जा रहे, पहली मांग यही आ रही… कलेक्टर को बदलो, एसपी को हटाओ। सरकार अब एक साथ सभी 33 जिलों के कलेक्टर, एसपी को तो हटा नहीं सकती। ऐसे में, सरकार के रणनीतिकारों को लिस्ट तैयार करने में बड़ी दिक्कत जा रही है। एसपी में भी च्वाइस सरकार को समझ में नहीं आ रहा। पांच साल में पोलिसिंग खतम हो गई है। 33 में से अधिकांश एसपी के खिलाफ काफी शिकायतें हैं।