GST विभाग की बड़ी कार्रवाई…! सितार गुटखा घोटाले का भंडाफोड़…करोड़ों के टैक्स चोरी में कारोबारी गिरफ्तार

रायपुर, 25 सितंबर। GST (छत्तीसगढ़ में राज्य कर) विभाग ने गुटखा कारोबार से जुड़े एक बड़े घोटाले का खुलासा किया है। सितार ब्रांड के गुटखा निर्माता गुरूमुख जुमनानी को कर अपवंचन और अवैध कारोबार के गंभीर आरोपों में गिरफ्तार किया गया है। जांच में सामने आया है कि जुमनानी ने चार वर्षों तक बिना जीएसटी पंजीयन के गुटखा निर्माण कर सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान पहुंचाया।
गुटखा के नाम पर घोटाला
GST विभाग की टीम ने 25 और 27 जून 2025 को दुर्ग और राजनांदगांव जिलों में की गई जांच के दौरान यह घोटाला उजागर किया। जुमनानी ने अप्रैल 2021 से जून 2025 तक कई स्थानों पर बिना अनुमति और रजिस्ट्रेशन के फैक्ट्रियां चलाईं। जांच में पाया गया कि वह हर महीने फैक्ट्री का स्थान बदलता था ताकि प्रशासनिक कार्रवाई से बचा जा सके।
जांच में सामने आया कि गुटखा निर्माण की फैक्ट्रियां निम्न स्थानों पर संचालित की गईं, 2021–2022 ग्राम मनकी (राजनांदगांव), ग्राम ठेलकाडीह (खैरागढ़), 2023 मंदिर हसौद और भनपुरी (रायपुर), 2023–2025 बाईरडीह, जोरातराई, गनियारी (दुर्ग)।
सुपारी गोदाम ‘कोमल फूड’ के नाम पर संचालन कर, वहां से 5% जीएसटी वाली सुपारी को गुटखा बनाकर बेचा जा रहा था, जिस पर 28% जीएसटी और 204% सेस लागू होता है।
कर चोरी का खुलासा
गुरूमुख जुमनानी प्रतिदिन करीब 25 लाख रुपये मूल्य का गुटखा उत्पादन कर रहा था। कागजों में यह केवल ‘सुपारी बिक्री’ दिखाता था, जिससे कर चोरी के करोड़ों रुपये के मामले सामने आए हैं। विभाग अब चार वर्षों की टैक्स चोरी की गणना कर रहा है।
मध्यप्रदेश के युवकों से बंधुआ मजदूरी
जांच में यह भी सामने आया कि, फैक्ट्री में मध्यप्रदेश के युवकों से बंधुआ मजदूरी कराई जा रही थी। उन्हें रातभर काम कराया जाता था और बाहर निकलने की अनुमति नहीं थी। हर तीन माह में मजदूरों को बदला जाता था ताकि उनकी पहचान उजागर न हो।
23 सितंबर 2025 को GST अधिनियम की धारा 69 के तहत गुरूमुख जुमनानी को गिरफ्तार किया गया। विभाग ने कहा कि पूरे मामले की गहन जांच जारी है और अन्य सहयोगियों की भूमिका भी खंगाली जा रही है।
सरकार का सख्त रुख
राज्य सरकार ने बयान जारी कर कहा, कर चोरी, अवैध व्यापार और उपभोक्ता की सेहत से खिलवाड़ करने वालों पर जीरो टॉलरेंस की नीति लागू की जाएगी। ऐसे अपराधियों को किसी भी स्थिति में बख्शा नहीं जाएगा।
पहले भी मिला था सुराग
मार्च 2024 में इसी नेटवर्क के खिलाफ छापेमारी की गई और 50 लाख रुपये का कर वसूला गया। 1.5 करोड़ रुपये की सुपारी जब्त की गई। GST विभाग की यह कार्रवाई सिर्फ कर अपवंचन ही नहीं, बल्कि स्वास्थ्य, श्रम शोषण और फर्जीवाड़े से जुड़े पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश है।