कोरबा। हसदेव अरण्य परसा और केते में कोल ब्लाॅक के लिए हो रही पेड़ों की अंधाधुंध कटाई को लेकर छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष डाॅ चरणदास महंत की ओर से बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा है कि अगर वहां के पेड़ कटे तो यहां कोरबा से लेकर, जांजगीर-सक्ति, रायगढ़ और बिलासपुर तक असर होगा। इस क्षेत्र को पोषित कर रही हसदेव नदी का पानी सूख जाएगा और लाखों लोगों का जीवन खतरे में पड़ जाएगा। इस दिशा में लोगों का ध्यान नहीं जा रहा, नहीं तो हर जिले में आंदोलन होता। डाॅ महंत ने कहा कि उन्होंने सुना है अगले कुछ दिनों बाद उनकी सरकार बनेगी। वे लोगों को फिर अंदर करेंगे, पुलिस भेजेंगे और पेड़ों की कटाई करेंगे। उसे रोकने के लिए ही मैंने छत्तीसगढ़ के राज्यपाल को चिट्ठी लिखी है।
डाॅ महंत ने कहा कि हसदेव अरण्य में हो रही हरे-भरे पेड़ों की अंधाधुंध कटाई का मैं शुरु से विरोध कर रहा हूं। हमनें विधानसभा में संकल्प पारित किया था, कि उस कटाई को बंध किया जाए और वहां पर आवंटित की गई कोयले की खदान को रद्द कर दिया जाए। लोग यह नहीं समझ पा रहे हैं कि हसदेव नदी से नहर के जरिए जो पानी आ रहा है, जिससे जांजगीर-चाम्पा व रायगढ़ से लेकर सक्ति, बिलासपुर जिले तक सिंचित कर रहा है, अगर हसदेव अरण्य की कटाई होगी, तो यहां सिल्ट जम जाएगा और पानी नहीं आएगा। कितने लाख लोगों का जीवन संकट में है, उस पर विचार नहीं कर पा रहे हैं। अगर सोच पाते तो सभी को आंदोलित हो जाना चाहिए। हसदेव के पानी से इतने सारे व्यवसाय चल रहे हैं, बालको-एनटीपीसी और विभिन्न बिजलीघर चल रहे हैं और बड़ी संख्या में लोग खेती कर रहे हैं, सब बंद हो जएगा। इन सबके लिए पानी नहीं मिल पाएगा। इसलिए हम सभी को आगाह कर रहे हैं कि छत्तीसगढ़ केवल कोई चारागाह नहीं है। अगर यहां से कोयला ले जाएं और घर-खेत बर्बाद करते रहें, तो यह नहीं होने दिया जाएगा। डाॅ महंत ने कहा कि ऐसा मैंने सुना है कि अगले कुछ दिनों बाद उनकी सरकार बनेगी। फिर वे लोगों को अंदर करेंगे, फिर पुलिस भेजेंगे और पेड़ों की कटाई करेंगे। उसे रोकने के लिए ही मैंने छत्तीसगढ़ के राज्यपाल को चिट्ठी लिखी है। उसका एक आधार भी है कि हमारे छत्तीसगढ़ अनुसूचित जाति आयोग में किसानों और ग्रामीणों ने शिकायत की है। शिकायत में कहा गया है कि उनसे बिना पूछे हमारी स्वीकृति के बगैर एनओसी जारी कर दिया गया है। उसकी गंभीरता को देखते हुए मैंने राज्यपाल को पत्र लिखा है।