
रायपुर। वनवासी विकास समिति कल्याण आश्रम में रविवार को जनजाति सुरक्षा मंच की संगोष्ठी “जनजाति समस्या, चुनौती और समाधान” आयोजित हुई।
मुख्य वक्ता प्रकाश उइके (पूर्व न्यायाधीश एवं विशेष सलाहकार, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग) ने कहा कि चर्च में शादी करने वाले जनजाति व्यक्ति को आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा। धर्मांतरण के बाद यदि नाम, परंपरा और पहचान बदल जाए और समाज उसे जनजातीय न माने, तो आरक्षण अमान्य होगा। उन्होंने कहा, सुप्रीम कोर्ट ने भी आरक्षण के लिए जनजातीय पहचान और सामाजिक स्वीकृति को जरूरी माना है।
मुख्य अतिथि के. सी. पैकरा (सेवानिवृत्त संयुक्त सचिव) ने कल्याण आश्रम की सराहना करते हुए कहा कि संस्था शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य में आदिवासी समाज के लिए उल्लेखनीय कार्य कर रही है, जो अन्य समुदायों के लिए भी प्रेरणा है।
संगोष्ठी में बड़ी संख्या में जनजातीय प्रतिनिधि और बुद्धिजीवी उपस्थित रहे और सामूहिक रूप से समाजहित में कार्य का संकल्प लिया।