
रायपुर। कोल स्कैम मामले में एसीबी के प्रमुख अमरेश मिश्रा पर लगे आरोप पर आज रायपुर कोर्ट अपना फैसला सुना सकती है। मिश्रा पर कोल स्कैम के मास्टरमाइंड कहे जाने वाले सूर्यकांत तिवारी ने धमकाने और मामले में सूर्यकांत तिवारी का नाम लेने का दबाव बनाने का आरोप लगाया है। मामले में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है।
वहीं, कोयला घोटाले मामले में गुरूवार को सूर्यकांत के भाई रजनीकांत तिवारी को ईओडब्ल्यू कोर्ट में पेश किया गया और कोर्ट ने उसे 26 सितंबर तक न्यायिक रिमांड पर भेज दिया है। दूसरे आरोपी मनीष उपाध्याय की रिमांड भी तक बढ़ा दी गई है। कोल स्कैम मामले में सूर्यकांत तिवारी ने जमानत याचिका लगाई है, जिसकी सुनवाई 19 सितंबर को होगी। सूर्यकांत तिवारी ने आरोप लगाया कि जेल अधीक्षक के कमरे में एसीबी प्रमुख अमरेश मिश्रा ने उन्हें बुलाकर धमकी दी और यह दबाव बनाया कि सौम्या चौरसिया के जरिए तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तक पैसे पहुंचाने की बात कबूल कर लो।
गुरूवार को कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान जेल से भी प्रतिवेदन मंगवाया था, जिसमें बताया गया है कि जेल मैनुअल के नियम 814 के अनुसार आईजी को जेल के अंदर जाने और निरीक्षण करने का अधिकार है। जेल प्रबंधन ने यह भी स्वीकारा की रविवार को आईजी अमरेश मिश्रा जेल आए थे।
सूर्यकांत के वकील फैजल रिजवी ने कहा कि आईजी को जेल में निरीक्षण करने का अधिकार तो है लेकिन उन्हें विचाराधीन कैदी से मिलने के लिए न्यायालय से अनुमति लेगी होगी। एसीबी प्रमुख अमरेश मिश्रा ने नियम 816 का पालन नहीं किया, इस पर कोर्ट में आवेदन दिया है कि जेल और जेल के प्रवेश द्वार की सीसीटीवी फुटेज को सुरक्षित रखा जाए।