Corporation Chairman : कोरबा में जर्जर सड़कों को लेकर सभापति नूतन सिंह ठाकुर सख्त…! कहा- 7 दिन में सुधार नहीं हुआ तो होगा जनआंदोलन..!
सोशल मीडिया पर छवि हो रही खराब होने का आरोप

कोरबा, 08 अक्टूबर। Corporation Chairman : कोरबा शहर की मुख्य सड़कों की बदहाल हालत को लेकर नगर पालिक निगम के सभापति नूतनसिंह ठाकुर ने कड़ा रुख अपनाया है। गौमाता चौक, ईमलीछापर चौक, कटघोरा रोड समेत कई स्थानों पर सड़कें गहरे गड्ढों और कीचड़ में तब्दील हो चुकी हैं, जिससे आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं और जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।
सोशल मीडिया पर छवि हो रही खराब
सभापति ठाकुर ने कहा कि इन सड़कों की स्थिति को लेकर सोशल मीडिया पर लगातार वीडियो और तस्वीरें वायरल हो रही हैं, जिससे कोरबा शहर और प्रदेश सरकार की छवि को गहरा नुकसान पहुंच रहा है। लोगों की नाराज़गी बढ़ती जा रही है, लेकिन पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारी मूकदर्शक बने हुए हैं।
जिम्मेदारी तय कर कार्रवाई की मांग
सभापति ने स्पष्ट किया कि सड़कों के निर्माण और देखरेख की जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग (P.W.D.) की है, लेकिन उनकी निष्क्रियता और लापरवाही के चलते मामूली मरम्मत अब लाखों रुपये के बड़े काम में बदल गई है।
ठाकुर ने कलेक्टर और नगर निगम आयुक्त से मांग की है कि, 7 दिनों के भीतर गौमाता चौक, ईमलीछापर चौक और अन्य प्रमुख सड़कों की मरम्मत व नवनिर्माण का कार्य शुरू किया जाए। डीडीएम चौक और ओवरब्रिज के नीचे की सड़क की भी तत्काल मरम्मत की जाए। खनिज न्यास मद (DMF) से टास्क फोर्स बनाकर प्राथमिकता पर सड़क मरम्मत की कार्यवाही हो। जिम्मेदार अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
सभापति की चेतावनी
सभापति ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर 7 दिन के भीतर सड़कों की हालत में सुधार नहीं हुआ, तो वे आम जनता और व्यापारियों के साथ सड़क पर उतरकर आंदोलन करेंगे। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि, गौमाता चौक पर पहले भी 3-4 बार चक्काजाम हो चुका है। ईमलीछापर में व्यापारी कीचड़ में नहाकर प्रदर्शन कर चुके हैं। इसके बावजूद प्रशासन और विभागों ने कोई गंभीरता नहीं दिखाई।
600 करोड़ की राशि पर भी उठाए सवाल
ठाकुर ने यह भी सवाल उठाया कि कोरबा जिले को हर साल 600 करोड़ रुपये खनिज न्यास मद (DMF) से प्राप्त होते हैं, लेकिन यह पैसा शहर के विकास की बजाय दूरस्थ क्षेत्रों में खर्च हो रहा है। उन्होंने मांग की कि इस राशि का उचित हिस्सा कोरबा शहर की बुनियादी जरूरतों पर लगाया जाए।
सभापति ने दोहराया कि यह मुद्दा राजनीति नहीं, जनहित का विषय है और अब यह निष्क्रियता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यदि 7 दिनों में सुधार नहीं हुआ, तो “जनता के साथ मिलकर निर्णायक आंदोलन” शुरू किया जाएगा।

