रायपुर। CGMSC: सीजीएमएससी अपने अजब.गजब कारनामों से एक बार फिर चर्चा में आ गया है। असल में छत्तीसगढ़ सरकार ने चार मेडिकल कालेज बनाने का फैसला किया है। और अभी चार में से तीन मेडिकल कालेज बनाने के लिए जगह भी तय नहीं हुई है और सीजीएमएससी ने चारों कालेजों के भवन निर्माण की निविदा एक साथ निकाल दी है।
CGMSC: इससे साफ है कि एक ही निर्माण एजेंसी को फायदा पहुंचाने के लिए एक साथ निविदा जारी की गई है, जबकि अलग अलग भवनों के निर्माण की निविदा अलग-अलग करने का प्रविधान है। बता दें कि कवर्धा, मनेंद्रगढ़ जांजगीर और गीदम में नया मेडिकल कालेज बनाने की निविदा सीजेएमससी ने जारी की है।
CGMSC: एक ही कंपनी को लाभ पहुंचाने ऐसे हुआ खेल
चारों कालेज भवन के लिए 306 करोड़ के हिसाब से 1224 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। इसमें तीन कंपनियों ने टेंडर भरा और टेक्निकल बिड में पात्र होने के बाद अब मंगलवार को फाइनेंशियल बिड खोला जाएगा।
इसके अलावा अलग-अलग जगहों पर निर्माण की दर कहां उपलब्ब निर्माण सामग्री के अनुसार होता है। यानि कवर्धा, जांजगीर की अपेक्षा मनेंद्रगढ़ और गीदम में मटेरियल और श्रम की दर कम है।
इसके अलावा एक ही कंपनी को चारों मेडिकल कालेज बिल्डिंग का काम दिए जाने पर निर्माण में समय ज्यादा लगेगा। चारों कालेजों के लिए अगर अलग-अलग टेंडर निकलता को काम जल्द हो सकता था। अलग-अलग कंपनियां होने से निर्माण में प्रतिस्पर्धा भी होती है। इससे काम की क्वालिटी अच्छी होती है।
CGMSC: नियमानुसार पूरी की निविदा प्रक्रिया: सीजीएमएससी
इस पूरे मामले में सीजीएमएससी की प्रबंध संचालक पद्मिनी भोई साहू का कहना है कि निविदा प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हुई है। सभी मेडिकल कालेजों के निर्माण को लेकर पहले सर्वे कराया गया है। इसके बाद नियमानुसार निविदा प्रक्रिया की गई है।
बता दें कि प्रदेश में पहली बार ऐसा हो रहा है कि बिना कंसलटेंट नियुक्त किए और ड्राइंग, डिजाइन के साथ टेंडर किया गया है। सीजीएमएससी की रातों के अनुसार बिल्डिंग बनाने वाली कंपनी ही भवन का डिजाइन और ड्राइंग भी बनाएगी। इसके अलावा खुद ही गुणवत्ता जांच करने के अलावा सुपरविजन भी करेगी। इससे ठेकेदार खुद ही अपने काम की गुणवत्ता जांचेगा। ऐसे में काम की क्वालिटी क्या होगी इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।