महासमुंद, 01 अक्टूबर। Paddy Procurement Scam : छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले से एक बड़े धान खरीदी घोटाले का खुलासा हुआ है। पिथौरा ब्लॉक के अंतर्गत संचालित सागुनढ़ाप धान खरीदी केंद्र (ग्रामीण सेवा सहकारी समिति, पंजीयन क्रमांक 1274) में कुल 1514.40 क्विंटल धान की गड़बड़ी सामने आई है। अनुमान है कि इस घोटाले में 46 लाख 94 हजार 640 रुपये की धान की हेराफेरी की गई है।
कैसे हुआ खुलासा?
करीब एक सप्ताह पहले सागुनढ़ाप में किसान सभा आयोजित की गई थी, जिसमें धान खरीदी केंद्र के आय-व्यय और रिकॉर्ड्स की पड़ताल की गई। इसी दौरान यह फर्जीवाड़ा उजागर हुआ। किसानों ने पाया कि कई नामों पर बोगस तरीके से धान खरीदी की गई है, जबकि वास्तविक किसानों को इससे वंचित किया गया।
किसानों ने लगाए गंभीर आरोप
किसानों ने आरोप लगाया है कि इस पूरे घोटाले में खरीदी केंद्र के, अध्यक्ष मथामणी बढ़ाई, प्रभारी हरिलाल साव, और कंप्यूटर ऑपरेटर धर्मेंद्र प्रधान की मिलीभगत है। इन पर आरोप है कि उन्होंने अपने जान-पहचान के लोगों के नाम से फर्जी पंजीयन करवा कर बोगस धान की खरीदी की और सरकारी धन का दुरुपयोग किया।
किसानों की मांग
किसानों ने इस फर्जीवाड़े की जांच की मांग की है और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग उठाई है। क्षेत्र के किसान संगठन भी अब इस मुद्दे को लेकर सक्रिय हो गए हैं।
प्रशासन की चुप्पी पर सवाल
अब तक प्रशासन की ओर से कोई स्पष्ट बयान सामने नहीं आया है, जिससे किसानों में नाराज़गी है। स्थानीय लोग मांग कर रहे हैं कि, तत्काल उच्चस्तरीय जांच हो, दोषियों को निलंबित कर एफआईआर दर्ज की जाए, और बोगस धान खरीदी से हुई सरकारी नुकसान की भरपाई सुनिश्चित की जाए।
छत्तीसगढ़ में धान खरीदी केंद्रों में भ्रष्टाचार की शिकायतें कोई नई बात नहीं हैं, लेकिन सागुनढ़ाप केंद्र का यह मामला पारदर्शिता और किसानों के हितों पर गंभीर सवाल खड़ा करता है। अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में कितनी तेज़ी और पारदर्शिता से कार्रवाई करता है।