
जांजगीर-चांपा। पिता का कर्ज चुकाने और 40 लाख रुपये के बीमा की रकम पाने के लिए एक युवक ने अपनी मौत की साजिश रच डाली। उसने मोटरसाइकिल, जूता और मोबाइल नदी किनारे छोड़कर खुद को डूब जाने की कहानी गढ़ी, लेकिन साइबर टीम की सक्रियता ने पूरे मामले का राजफाश कर दिया। पुलिस ने युवक को बिलासपुर के तोरवा इलाके से सकुशल बरामद किया।
घटना ऐसे हुई शुरू
19 अगस्त की शाम तनौद गांव निवासी 21 वर्षीय कौशल श्रीवास घर से मोटरसाइकिल लेकर निकला और वापस नहीं लौटा। देर रात उसका वाहन और मोबाइल शिवनाथ नदी के पास मिला, जिससे परिवार को लगा कि वह नदी में बह गया है। पिता ने थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।
पुलिस और साइबर टीम की जांच
पुलिस अधीक्षक विजय कुमार पांडेय के निर्देशन और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक उमेश कुमार कश्यप के मार्गदर्शन में थाना पामगढ़ पुलिस और साइबर सेल ने जांच शुरू की। तकनीकी जानकारी जुटाने पर पता चला कि युवक ने अपने दोस्त को इंस्टाग्राम के जरिए जिंदा होने की सूचना दी थी। इसके बाद साइबर टीम ने उसकी लोकेशन ट्रैक की।
जांच में खुलासा हुआ कि कौशल घटना के बाद पामगढ़ से बस पकड़कर बिलासपुर गया, वहां से ट्रेन से दिल्ली-फरीदाबाद पहुंचा और कुछ दिन वहीं रुका। बाद में 23 अगस्त को वह वापस बिलासपुर लौटा। इसी दौरान मुखबिर की सूचना पर साइबर टीम ने उसे तोरवा इलाके से पकड़ लिया।
पूछताछ में बड़ा खुलासा
कौशल ने पुलिस को बताया कि उसके पिता पर लाखों रुपये का कर्ज है। बीमा की राशि मिलने पर परिवार को राहत मिल सके इसलिए उसने खुद को मृत दिखाने की योजना बनाई। इसी वजह से उसने दुर्घटना और डूबने की झूठी कहानी रची।
आगे की कार्रवाई
पुलिस का कहना है कि युवक ने न केवल परिवार बल्कि पूरे गांव और पुलिस को गुमराह किया। उसके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस और साइबर सेल की तत्परता से यह मामला सुलझ गया और युवक को सुरक्षित घर पहुंचाया जा सका।