Savan Utsav : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने भावना बोहरा और कांवड़ियों का बढ़ाया उत्साह…दी शुभकामनाएं
Savan Utsav : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने भावना बोहरा और कांवड़ियों का बढ़ाया उत्साह...दी शुभकामनाएं

पंडरिया, 27 जुलाई। Savan Utsav : सावन माह में पंडरिया विधायक भावना बोहरा के नेतृत्व में एक ऐतिहासिक 151 किलोमीटर लंबी कांवड़ यात्रा का समापन भव्य रूप से हुआ। यह यात्रा 21 जुलाई को अमरकंटक स्थित मां नर्मदा मंदिर से प्रारंभ होकर 27 जुलाई को भोरमदेव मंदिर में भगवान भोलेनाथ के जलाभिषेक के साथ पूर्ण हुई।
विधायक भावना बोहरा के साथ 300 से अधिक कांवड़ यात्रियों ने सात दिनों तक कठिन मार्गों, घने जंगलों, बीहड़ों, उफनती नदियों और बारिश के बीच श्रद्धा और समर्पण के साथ यह यात्रा पूरी की। यह पहली बार है जब किसी महिला जनप्रतिनिधि ने इतनी लंबी कांवड़ यात्रा का नेतृत्व किया है, जिससे नारी शक्ति और सनातन संस्कृति दोनों को एक नई प्रेरणा मिली है।
यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने फोन पर बातचीत कर यात्रा के लिए शुभकामनाएं दीं और कांवड़ियों का उत्साहवर्धन किया।
भोरमदेव मंदिर पहुँचने पर बोड़ला और मंदिर प्रांगण में हजारों श्रद्धालुओं, सामाजिक संगठनों, भाजपा कार्यकर्ताओं और स्थानीय जनता ने ढोल-नगाड़ों, पुष्पवर्षा और ‘हर हर महादेव’ के जयकारों के साथ यात्रा दल का भव्य स्वागत किया। मंदिर में आयोजित भंडारे और महाप्रसादी में 5000 से अधिक श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।
भावना बोहरा ने अपने उद्बोधन में कहा, यह यात्रा मेरे लिए एक आत्मिक अनुभव रही है। मां नर्मदा और भगवान शिव के आशीर्वाद से और क्षेत्रवासियों के स्नेह के कारण ही यह यात्रा संभव हुई। यह न केवल एक धार्मिक यात्रा थी, बल्कि समाज, संस्कृति और सेवा का अद्भुत संगम भी था।
उन्होंने आगे कहा, श्रावण मास हमें आस्था, अनुशासन और सेवा का संदेश देता है। यह यात्रा एक संकल्प, एक साधना और समाज के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रतीक है। मैं सभी शिवभक्तों, भाजपा कार्यकर्ताओं, युवा एवं महिला मोर्चा, सामाजिक संगठनों और प्रशासन का हृदय से आभार प्रकट करती हूँ जिन्होंने प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से इस यात्रा को सफल बनाया।”
यह कांवड़ यात्रा अमरकंटक, लम्हनी, महामाई, खुड़िया, गौरकांपा, पंडरिया, मोहतरा, पांडातराई, डोंगरिया महादेव, बोड़ला होते हुए भोरमदेव मंदिर तक संपन्न हुई। पूरे मार्ग में जनसमर्थन और श्रद्धालुओं की उपस्थिति इस यात्रा को ऐतिहासिक बनाती है।
भावना बोहरा ने समस्त छत्तीसगढ़वासियों से आह्वान किया कि वे सनातन परंपरा को संरक्षित करें और भक्ति, सेवा व सामाजिक एकता को कांवड़ यात्रा जैसे आयोजनों से सशक्त बनाएं।